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Hanuman Chalisa : चालिसा की इन 7 चौपाईयों में छिपे हैं मैनेजमेंट के गुण

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Hanuman Chalisa : चालिसा की इन 7 चौपाईयों में छिपे हैं मैनेजमेंट के गुण|

नमस्कार दोस्तों ! हमारे ब्लॉग पोस्ट hanuman chalisa में आपका हार्दिक अभिनंदन है। दोस्तों, हनुमान चालिसा हमें श्री हनुमान जी का प्रभु श्री राम के प्रति समर्पण तो सिखाती ही है साथ ही हमें जीवन मैनेजमेंट के गुण भी सिखाती है।
हनुमान जी के समस्त कार्य समय मैनेजमेंट के अनुसार ही हुये हैं।

संजीवनी बूटी लाने में हो रही देरी के कारण बिना विलंब पूरा पर्वत उठा लाना, माता सीता की खोज में समुद्र पार करते समय विश्राम न करना तथा लंका पहुंचकर शीघ्र ही माता सीता को ढूंढने के लिए दिन-रात एक कर देना। हम भी उनके द्वारा किये गये कार्यों से सीख लेकर अपने जीवन में टाईम मैनेजमेंट का गुण अपना सकते हैं।

इस पोस्ट में हम हनुमान चालिसा की पंक्तियों में छिपे इन्हीं गुणों पर चर्चा करेंगे। तो आईये, पोस्ट आरंभ करते हैं –

Hanuman Chalisa : सीखें टाईम मैनेजमेंट

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श्री गुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि।

भावार्थ हनुमा चालिसा का आरंभ गुरू की आराधना से किया गया है जो अपने गुरू के प्रति समर्पण भाव को दर्शाता है। पंक्ति का अर्थ है मैं अपने गुरू के चरणों की धूल से अपने मन के दर्पण को साफ करता हूं।

मैनेजमेंट सूत्र यदि हमारे जीवन में गुरु नहीं हैं तो जीवन पथ पर सही चलने का सही मार्गदर्शन कोई नहीं दे सकता, गुरु ही हमें सही मार्ग दिखा सकते हैं। गुरु का अर्थ व्यापक है गुरु वह है जो आपको सिखाता है अब आपके माता-पिता भी हो सकते हैं या फिर कोई मित्र या आपके बॉस भी।hanuman chalisa

गुरु अर्थात अपने से बड़े का सम्मान करना जरूरी है यदि आप प्रगति के मार्ग पर बढ़ना चाहते हैं तो विनम्रता का गुण अपनायें तथा सभी का सम्मान करें।

कंचन बरन बिराज सुबेसा, कानन कुण्डल कुंचित केसा।

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भावार्थ आपके शरीर का वर्ण यानी रंग सोने की तरह ही चमकीला है, आपने सुवेष अर्थात अच्छे वस्त्र धारण किये हुये हैं, कानों में कुण्डल के साथ-साथ बाल भी संवरे हुये हैं।

मैनेजमेंट सूत्र वर्तमान समय में आपकी पर्सनैलिटी आपका व्यक्तित्व भी मायने रखता है। आप कैसे रहते तथा दिखते हैं आज के समय ये बातें बहुत महत्वपूर्ण है। आज जिस भी व्यक्ति से पहली बार मिलते हैं उस पर किस प्रकार का प्रभाव डालते हैं।

वो कहते हैं ना कि फर्स्ट इम्प्रेशन इज दि लास्ट इम्प्रेशन। यदि आप गुणवान हैं किन्तु बिखरे हुये रहते हैं तो कोई फायदा नहीं है। इसलिए आपका रहन-सहन आपका ड्रेसिंग सेंस अच्छा होना चाहिए।

विद्यावान गुनी अति चातुर, राम काज करिबे को आतुर।

भावार्थ आप विद्यावान हैं, गुणों की खान हैं साथ ही अत्यंत चतुर भी हैं। प्रभु श्रीराम के कार्य के लिये आप सदैव तत्पर तथा आतुर रहते हैं।

मैनेजमेंट सूत्र डिग्री आज के समय में आवश्यक है लेकिन क्या सिर्फ डिग्री से ही काम चल जाता है ? चालिसा की यह पंक्ति बताती है कि केवल डिग्री सफल होने के लिए काफी नहीं है। इसके साथ-साथ आपको अपने गुणों को भी बढ़ाना पड़ेगा तथा बुद्धि में चतुराई का समावेश भी करना होगा। हनुमान जी चतुर भी हैं तथा गुणी भी।hanuman chalisa

प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया, राम लखन सीता मन बसिया।

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भावार्थ आप रामचरित अर्थात श्री राम की कथा सुनने के रसिक हैं, राम-लक्ष्मण-सीता ये तीनों ही आपके मन में वास करते हैं।

मैनेजमेंट सूत्र यह पंक्ति संदेश देती है कि हमें अच्छा लिसनर भी बनना चाहिए। जो आपकी प्राथमिकता यानी प्रायोरिटी है, जो कार्य आप करना चाहते हैं उसे लेकर बोलने के साथ ही आपको सुनना भी चाहिए क्योंकि यदि आपके अंदर सुनने का गुण नहीं है तो आप एक अच्छे लीडर भी नहीं बन सकते।

सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा, विकट रूप धरि लंक जरावा।

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भावार्थ आपके अशोक वाटिका में माता सीता को अपने सूक्ष्म अर्थात छोटे रूप में दर्शन दिए तथा लंका दहन के समय विराट स्वरूप धारण किया।

मैनेजमेंट सूत्र ये पंक्ति हमें बताती है कि श्री हनुमान जी की तरह हमें कब, कहां, कैसा व्यवहार करना है यह गुण भी आना चाहिए। हमें परिस्थिति के अनुसार स्वयं को ढालना आना चाहिए तथा विपदा को देखकर कभी भी न घबराकर धैर्य तथा संयम को कभी नहीं खोना चाहिए।

तुम्हरो मंत्र विभीषण माना, लंकेश्वर भए सब जग जाना।

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भावार्थ लंका के राजा रावण के अनुज विभीषण ने हनुमान जी अर्थात आपकी सलाह मानी तथा आगे चलकर लंका के अधिपति बने यह सारा जग जानता है।

मैनेजमेंट सूत्र हमें इस बात का ज्ञान होना चाहिए कि हमें किसकी सलाह माननी चाहिए तथा किसकी नहीं। यानी हमें व्यक्ति की पहचान होनी चाहिए। अक्सर देखा जाता है कि हम बिना सोच-विचार किये किसी की भी सलाह मान लेते हैं तथा इसके फलस्वरूप अंत में हमें हानि उठानी पड़ती है।

प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माही, जलधि लांघि गए अचरज नाहिं।

भावार्थ आपने श्री राम नाम की अंगूठी अपने मुख में रखकर समुद्र को लांघ लिया आपके लिए यह बड़ी बात नहीं इसलिए इसमें किसी प्रकार का कोई आश्चर्य नहीं है।

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मैनेजमेंट सूत्रआज के युवाओं में धैर्य तथा आत्मविश्वास की कमी होने के कारण उनका भरोसा बहुत जल्दी टूट जाता है। प्रतिस्पर्धा के इस दौर में अपना टार्गेट पाने के लिए हमें धैर्य बनाये रखना है तथा अपना लक्ष्य पाने के लिए पूरी ईमानदारी से अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करना है।

यदि हममें स्वयं पर तथा ईश्वर पर अटूट विश्वास है तो कोई भी टॉस्क या कठिन-से-कठिन लक्ष्य सरलता तथा सहजता से पूरा किया जा सकता है। इसलिए स्वयं पर पूर्ण विश्वास रखना चाहिए।

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