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Sunderkand : सुन्दरकाण्ड के सरल तथा महत्वपूर्ण उपाय।

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Sunderkand : सुन्दरकाण्ड के सरल तथा महत्वपूर्ण उपाय।

नमस्कार दोस्तों ! हमारे ब्लॉग पोस्ट sunderkand में आपका हार्दिक स्वागत है। दोस्तों, गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा रचित श्री रामचरित मानस का अत्यधिक महत्वपूर्ण अध्याय है सुन्दरकाण्ड। इस के अन्तर्गत श्री हनुमान जी के द्वारा किये गये समस्त कार्यों का अत्यंत सुन्दर चित्रण किया गया है।

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आज की पोस्ट में हम जानेंगे कि सुन्दरकाण्ड का पाठ किस प्रकार करना चाहिए तथा साथ ही जानेंगे इसके सरल तथा महत्वपूर्ण उपायों के बारे में। इन उपायों का प्रयोग करके कोई भी व्यक्ति अपना जीवन सरल बना सकता है तथा जीवन में आने वाली प्रत्येक समस्या से बच सकता है।
तो आईये, पोस्ट आरंभ करते हैं –

 

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Sunderkand : सुन्दरकाण्ड से पायें सभी समस्याओं से मुक्ति

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आईये, अब जानते हैं इस चमत्कारित पाठ को करने की विधि तथा इससे प्राप्त होने वाले लाभ के बारे में –

• सुबह सूर्योदय से पूर्व उठ जायें,  दैनिक कार्यों से निवृत्त हो जायें तथा स्नान आदि करके स्वच्छ वस्त्र धारण कर लें।

• पाठ करने से पूर्व चौकी पर श्री हनुमान जी की प्रतिमा अथवा फोटो अवश्य रखें। उनके सम्मुख शुद्ध घी का दीपक प्रज्ज्वलित करें। भोग में हनुमान जी को प्रिय लड्डू, फल या गुड़-चना अवश्य अर्पित करें।

• सुन्दरकाण्ड का पाठ किसी भी समय किया जा सकता है। यदि आप सुन्दरकाण्ड का पाठ अकेले करना चाहते हैं तो सुबह 4 से 6 बजे का समय उपयुक्त है। किन्तु शाम को 7 बजे के बाद किया जाए तो यह अधिकतम लाभ प्रदायक है।

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• समूह में तथा संगीत के साथ किया गया सुन्दरकाण्ड अत्यंत लाभदायी माना गया है। यह पाठ समूह में संगीत के साथ मंगलवार, शनिवार अथवा पूर्णिमा के दिन सुबह 5 बजे किया जाता है ।

• सुन्दरकाण्ड का पाठ आरंभ करने से पूर्व स्नान आदि करना चाहिए तथा हल्के रंग के वस्त्र धारण करने चाहिए। इस पाठ को खाली पेट करना चाहिए तथा साथ ही शनिवार व मंगलवार के दिन उपवास भी रखा जाये तो अत्यंत शुभ है।

• इस पाठ को आवश्यक रूप से आह्वान के द्वारा प्रारंभ किया जाता है। सुन्दरकाण्ड पाठ करने में बेहतर एकाग्रता पाने के लिए अपनी आंखों को पुस्तक से दूर न करें। यदि आपको सुन्दरकाण्ड का पाठ ऐसे ही याद है तो अपनी आंखे बंद करके हनुमान जी की प्रतिमा की कल्पना करें तथा उन्हें सच्चे मन से स्मरण करें।

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• सुन्दरकाण्ड का पाठ करते समय अपना पूरा ध्यान एकाग्र रखें तथा पूर्ण श्रद्धा भाव के साथ श्रीराम तथा माता जानकी सहित बजरंगबली का स्मरण करें। ध्यान रखें कि पाठ के समय किसी भी प्रकार का व्यवधान उत्पन्न न हो यदि हो सके तो अपने फोन आदि उपकरण को बंद ही रखें।

• इस पवित्र पाठ को करने वाले भक्त सदैव स्मरण रखें कि वे मांस-मदिरा तथा अन्य मादक पदार्थों से सदा दूर रहें। पाठ के विश्राम होने पर आरती करें तथा भोग लगाकर समस्त श्रद्धालुओं में सम्मान के साथ प्रसाद वितरित करें। ऐसा करने से हनुमान जी प्रसन्न होते हैं तथा समस्त मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं।

• किसी विशेष मनोकामना की पूर्ति हेतु लगातार 11 मंगलवार अथवा शनिवार को सुन्दरकाण्ड का पाठ किया जाना चाहिए। यह पाठ घर में अथवा मंदिर में किसी भी पवित्र तथा शुद्ध स्थान पर किया जा सकता है। ऐसा करने से जातक की समस्त मनोकामनायें पूर्ण होती हैं तथा कष्टों से मुक्ति मिलती है।

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• श्री हनुमान जी को चोला अर्पित करने से भी प्रभु प्रसन्न होते हैं। मंगल अथवा शनिवार जैसा भी आपके आस-पास के स्थानीय मंदिर में प्रचलन हो उसी दिन चोला अर्पित करें। तथा श्री हनुमान चालिसा अथवा सुन्दरकाण्ड का पाठ करें। ऐसा करने पर जीवन में आने वाली प्रत्येक बाधा दूर होती है तथा बड़ी-से-बड़ी समस्या तथा संकट टल जाते हैं।

॥ इति ॥

दोस्तों, आशा करते हैं कि आपको sunderkand पोस्ट पसंद आई होगी। कृपया पोस्ट को शेयर करें साथ ही हमारे ब्लॉग से जुड़े रहें। अपना अमूल्य समय देने के लिए धन्यवाद। आपका दिन शुभ व मंगलमय हो।


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