Lord Ganesha : गणेश जी के 11 स्वरूपों का वर्णन
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नमस्कार दोस्तों ! हमारे ब्लॉग पोस्ट lord ganesha में आपका हार्दिक अभिनंदन है। दोस्तों ! गजानन, सिद्धिविनायक आदि नामों से प्रसिद्ध ऋणहर्ता श्री गणेश जी की पूजा सभी देवी-देवताओं में सर्वप्रथम की जाती है। किसी भी मांगलिक कार्य अथवा किसी धार्मिक अनुष्ठान का प्रारम्भ इन्हीं की आराधना के साथ किया जाता है।
भगवान श्री गणेश का रूप भी कम आलौकिक नहीं है — लम्बा पेट, चक्राकार सूंड तथा मूषक अर्थात चूहे की सवारी। यूं तो देश के लगभग सभी राज्यों में इनकी आराधना की जाती है किन्तु भारत के महाराष्ट्र राज्य में इनके भक्तों की संख्या सर्वाधिक है।
गणेशोत्सव के दिनों में तो श्री गणपति महाराज महाराष्ट्र के घर-घर में विराजमान होते हैं वहां सभी धर्मों के लोग यह उत्सव बहुत ही धूमधाम के साथ मनाते हैं। लगभग 14 दिनों के इस उत्सव में महाराष्ट्र में बड़े-बड़े पण्डालों में विराजित गणपति के दर्शनों के लिए देश-विदेश से श्रद्धालुगण पहुंचते हैं तथा वहां प्रतिदिन होने वाले कार्यक्रमों में भाग लेकर उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
आज की पोस्ट में हम आपके लिये लाये हैं भगवान विनायक के 11 स्वरूप तथा उनके पूजन से प्राप्त होने वाले फल की जानकारी, जो कि आपके लिये अत्यंत लाभप्रद सिद्ध होगी। तो आईये, पोस्ट का श्री गणेश करते हैं।
Lord Ganesha : गणेश जी की आराधना का प्रमुख मंत्र
यूं तो मां पार्वती नंंदन की स्तुति कई मंत्रों में की गई है किन्तु उनकी आराधना हेतु एक विशेष तथा सुगमता से स्मरण रहने वाला मंत्र इस प्रकार है –
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभः।
निर्विघ्नं कुरूमेदेव सर्वकार्येषु सर्वदा।।
समस्त गणों में प्रथम पूज्य होने के कारण किसी भी कार्य में सर्वप्रथम इनका ही नाम लिया जाता है। जिस प्रकार श्रीगणेश का नाम लेने मात्र से सारे दुःख व परेशानियां दूर हो जाती हैं, उसी प्रकार इनके 11 स्वरूपों का विधि-विधान से पूजन कर घर में स्थापित करने से कुछ ही समय में भाग्योदय हो जाता है। श्री गणेश के विभिन्न रूप अपने भक्तों के समस्त दुःखों को हरने वाले माने गए हैं।
जो सुमिरत सिधि होई गन नायक करिबर बदन।
करउ अनुग्रह सोई बुद्धि रासि सुभ गुन सदन।।
भावार्थ :-जिनके स्मरण मात्र से ही सभी कार्य क्षण भर में सिद्ध हो जाते हैं, जो गणों के स्वामी तथा सुंदर हाथी के मुख वाले हैं, वे बुद्धि के दाता तथा शुभ गुणों के धाम श्री गणेशजी मुझ पर कृपा करें। lord ganesha
ये हैं गणेश जी के 11 स्वरूप
अब जानते हैं गणपति जी के स्वरूपों के बारे में—
1. चांदी के गणेश
भौतिक जगत में जीवन यापन हेतु धन का विशेष महत्व है, वे भक्त जो धन की इच्छा रखते हैं, उन्हें चांदी से निर्मित श्री गणेश प्रतिमा की पूजा करनी चाहिए। इन्हें पूजा घर में स्थापित कर दूर्वा चढ़ाने से धन-संपत्ति में वृद्धि होती है और धन का आगमन भी शीघ्रता से होने लगता है। माता लक्ष्मी कि ही भांति इनकी पूजा करने से जीवन के समस्त भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है।
2. सफेद आंकड़े के गणेश
क्या आप जानते हैं कि तंत्र क्रियाओं में सफेद आंकड़ा (एक प्रकार का पौधा) की जड़ से निर्मित श्रीगणेश का विशेष महत्व है। इन्हें श्वेतार्क गणपति भी कहते हैं। कई टोने-टोटकों में श्रीगणेश के इस स्वरूप का उपयोग किया जाता है। श्वेतार्क गणपति को घर में स्थापित कर विधि-विधान से पूजा करने पर उस घर में नकारात्मक शक्ति अथवा किसी भी प्रकार की ऊपरी बाधा का प्रवेश नहीं होता।
3. पन्ना धातु के गणपति
पन्ना हरे रंग का एक रत्न होता है। इससे निर्मित श्रीगणेश की प्रतिमा कोअपने घर के पूजा स्थान पर स्थापित कर विधि-विधान से पूजा करने पर बुद्धि व यश प्राप्त होता है। विद्यार्थियों के लिए पन्ने के गणेशजी की पूजा करना सर्वश्रेष्ठ होता है।lord ganesha
4. मूंगे के गणेश
मूंगा सिंदूरी रंग का एक रत्न होता है। इससे निर्मित गणेश जी की प्रतिमा को पूजा स्थान पर स्थापित करने तथा नित्य पूजा करने से शत्रुओं का भय समाप्त हो जाता है, साथ ही इससे बने श्रीगणेश अपने भक्तों की प्रत्येक मनोकामना पूरी करते हैं।
5. पंचमुखी गणेश
किसी विशेष धार्मिक अनुष्ठान अथवा किसी प्रकार की मनोकामना सिद्धि के लिए पंचमुखी श्रीगणेश का पूजन किया जाता है। अष्टविनायक के इस स्वरूप की पूजा अर्चना करने से कोई भी सिद्धि क्रिया बिना किसी बाधा के संपन्न हो जाती है। lord ganesha
6. चंदन की लकड़ी के गणेश
चंदन की लकड़ी से निर्मित श्रीगणेश की प्रतिमा घर में कहीं भी स्थापित कर सकते हैं। इससे घर में किसी प्रकार की कोई विपदा नहीं आती, साथ ही परिवार के सदस्यों में सामंजस्य बना रहता है एवं पारिवारिक वातावरण खुशहाल समृद्धिपूर्ण बना रहता है।
7. पारद गणेश
धन-संपत्ति प्राप्ति के लिए पारद यानी पारे से निर्मित गणेश प्रतिमा की पूजा किये जाने का विधान है। यदि किसी ने आपके घर पर या घर के किसी सदस्य पर किसी प्रकार का कोई नकारात्मक प्रयोग किया हो, तो पारद गणेश की पूजा से उसका कोई भी प्रभाव नहीं पड़ता।
8. बांसुरी बजाते गणेश
गजानन का यह स्वरूप बहुत ही आकर्षक है। यदि आपके घर में रोज क्लेश या विवाद होता रहता है तो आपको बांसुरी बजाते हुए गणेश जी की कोई तस्वीर या मूर्ति घर में स्थापित करनी चाहिए। बांसुरी बजाते हुए गणेश की पूजा करने से घर में सुख-शांति का वातावरण बना रहता है।
9. हरे रंग के गणेश
इस स्वरूप के दर्शन आपने कभी न कभी अवश्य ही किये होंगे। हरे रंग के श्रीगणेश की पूजा करने से ज्ञान तथा बुद्धि की वृद्धि होती है। प्रखर बुद्धि की प्राप्ति हेतु मां सरस्वती की ही भांति विद्यार्थियों को विशेष तौर पर हरे रंग की श्रीगणेश की मूर्ति या तस्वीर का पूजन करना चाहिए। lord ganesha
10. हाथी पर विराजित गणेश
यदि आप भी अपने जीवन को शोभा–शान–वैभव से परिपूर्ण रखने की इच्छा रखते हैं तो आपको हाथी पर बैठे श्री गणेश की पूजा करनी चाहिए। हाथी पर विराजित श्री गणेश की पूजा करने से धन, सम्मान तथा प्रत्येक स्थान पर विजय प्राप्त होती है।
11. नृत्य करते हुए विनायक
प्रसन्नतापूर्ण मुद्रा में नृत्य करते हुए गणेश जी की पूजा करने से मन को शांति का अनुभव होता है। यदि आप किसी मानसिक अथवा शारीरिक तनाव में हैं, तो आपको प्रतिदिन गणपति के इस स्वरूप की पूजा अवश्य करनी चाहिए।
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