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Jadui Ped : एक जादुई बोलने वाला पेड़

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Jadui Ped : एक जादुई बोलने वाला पेड़|

नमस्कार दोस्तों ! हमारे ब्लॉग पोस्ट Jadui Ped में आपका हार्दिक अभिनंदन है। दोस्तों, आज हम आपके लिए लाये हैं एक प्यारी-सी बाल कहानी जिसका नाम है जादुई पेड़। एक ऐसा पेड़ जो इंसानों की तरह बोलता है, बच्चों से प्यार भरी बातें करता है और जिससे सभी प्यार करते हैं। तो आईये, यह प्यारी सी कहानी शुरू करते हैं –

Jadui Ped : बोलने वाल पेड़ की कहानी

किसी गांव में राजू नाम का एक लड़का रहता था। राजू पढ़ाई-लिखाई में बहुत होशियार था उसके मास्टर जी भी उसकी बहुत प्रशंसा किया करते थे। राजू में सभी गुण थे लेकिन वह बहुत ही दुबला-पतला था। स्कूल में तथा गांव में बच्चे उसको पतली डण्डी कहकर उसका मजाक उड़ाया करते थे।

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एक दिन राजू की नानी घर उसके घर पर आईं तो उन्होंने राजू की मां से कहा कि ‘‘मंजू, तेरा लड़का तो बहुत ही कमजोर शरीर का है कहीं इसे कोई बीमारी तो नहीं ? ‘‘ मंजू बोली-‘‘ नहीं मां, यह पूरी तरह स्वस्थ्य है, मैं वैद्य जी को भी इसे दिखा चुकी हूं। मैंने इसे दूध, दही, घी तथा मक्खन सब कुछ खिलाकर देख लिया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।‘‘ यह कहकर उसकी नानी बोली , ‘‘शायद यह अपने नाना जी पर गया है वे भी इतने दुबले ही थे।

एक दिन की बात है राजू अपने दोस्त नन्दू के साथ गेंद से खेल रहा था। इतने में ही दो बड़ी उम्र के लड़के वहां आए और राजू से उसकी गेंद छीन ली। राजू ने कहा, ‘‘यह मेरी गेंद है इसे वापस दो।‘‘ लेकिन उन लड़कों ने उसे दुबला-पतला देख वहां से भगा दिया। राजू निराश हो गया और अपने दोस्त नंदू के साथ नदी के किनारे पर बैठ गया। Jadui Ped

शाम हो चुकी थी नंदू ने राजू से घर चलने को कहा लेकिन राजू ने उसे बाद में आउंगा ऐसा कहकर उसे घर भेज दिया। कुछ देर बाद नंदू जब अपने घर को वापस चला तो रास्ते में उसे एक चमकती हुई चीज दिखी। जब उसने पास जाकर देखा तो वह हैरान हो गया उसने देखा कि वह एक पेड़ था जो इतना चमक रहा था, राजू के पास आते ही वह पेड़ बोल पड़ा – आओ, राजू ! कैसे हो?

यह सुनकर पहले तो राजू डर गया लेकिन फिर थोड़ी हिम्मत जुटाकर बोला-‘‘ तुम कौन हो, और इंसानों की तरह कैसे बोल रहे हो?‘‘ यह सुनकर पेड़ हंसा और कहा-‘‘ मैं जादुई पेड़ हूं और बोल सकता हूं। देखो तो, मेरी शाखा पर आम, केला, सेब तथा अनार सभी तरह के फल लगे हुए हैं तुम मेरी डाल से अपनी पसंद का कोई भी फल तोड़कर खा लोगे तो तुम्हारा यह दुबलापन दूर हो जायेगा और तुम ताकतवर बन जाओगे।”

ऐसा सुनकर पहले तो राजू  हिचकिचाया लेकिन जब पेड़ ने उसे विश्वास दिलाया तो उसने अपनी पसंद का केला तोड़कर खा लिया। जैसे ही राजू ने केला तोड़कर खाया वह हष्ट-पुष्ट हो गया। इस पर उसने पेड़ को धन्यवाद दिया और कहा कि ‘‘ क्या मैं तुम्हारे लिये कुछ कर सकता हूं ?‘‘ Jadui Ped

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इस पर जादुई पेड़ ने कहा-‘‘ अगर तुम मेरे लिए कुछ करना चाहते हो तो सामने नदी से थोड़ा-सा पानी लाकर मेरी जड़ में डाल दो। राजू ने कहा- ‘‘बस इतनी-सी बात, मै अभी पानी लेकर आता हूं।‘‘ और यह कहकर वह नदी से एक घड़ें में जल भरकर लाया और पेड़ की जड़ में डाल दिया। राजू के ऐसा करते ही वह जादुई पेड़ एक इंसान की तरह उसके सामने प्रकट हो गया और बोला कि मुझे पेड़ बन जाने का शाप मिला था जिससे तुमने मुझे मुक्त कर दिया तुम्हारा बहुत-बहुत धन्यवाद अब मैं जा रहा हूं।‘‘ ऐसा कहकर वह गायब हो गया।

राजू खुशी-खुशी वहां से अपने घर लौट आया। राजू को हष्ट-पुष्ट देखकर उसकी नानी तथा मां दोनों को बड़ा आश्चर्य हुआ। जब उन्होंने राजू से इसके बारे में पूछा तो राजू ने एक ही सांस में सारी बातें बता दीं। दोनों बड़ी प्रसन्न हुईं तथा राजू को गले से लगा लिया। अगले दिन जब राजू अपने दोस्त नंदू के साथ खेल रहा था तो वही लड़के फिर वहां आकर खेलने लगे। यही मौका था राजू ने अपनी गेंद उनसे वापस ले ली।Jadui Ped

दोनों लड़के सोचने लगे कि आखिर राजू में इतनी ताकत कहां से आ गई कल तो यह बड़ा दुबला था। फिर भी हिम्मत करके वे बोले -‘‘हमारी गेंद वापस करो।‘‘ राजू ने कहा -‘‘यह गेंद मेरी है मेरे जन्मदिन पर मेरे पापा ने मुझे गिफ्ट में दी थी।‘‘ जब दोनों लड़कों ने उसे छीनने की कोशिश की तो राजू ने दोनों को ही वहां से भगा दिया क्योंकि अब वह पहले की तरह पतली डण्डी नहीं रह गया था। उसने मन ही मन उस जादुई पेड़ को धन्यवाद दिया जिसका फल खाने से अब वह शक्तिशाली बन चुका था। अब राजू और नन्दू दोनों अपना खेल खत्म कर वापस अपने-अपने घर की ओर चल पड़े।

शिक्षा :- हमें अपने से कमजोर को कभी नहीं सताना चाहिये बल्कि हमेशा उनकी सहायता करनी चाहिये।

॥ समाप्त ॥

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