fbpx

Nakshatra : 27 नक्षत्र तथा जीवन पर इनके प्रभाव

Spread the love

Nakshatra : 27 नक्षत्र तथा जीवन पर इनके प्रभाव।

 

नमस्कार दोस्तों ! हमारे ब्लॉग पोस्ट Nakshatra में आपका हार्दिक अभिनंदन है। दोस्तों, ये संसार रहस्यों से भरा पड़ा है यदि दूसरे शब्दों में कहें तो जितनी सृष्टि हमें दिखाई देती है उससे कहीं ज्यादा ये अदृश्य रूप में विद्यमान है। हमारे ब्रह्माण्ड में आये दिन खगोलीय घटनायें घटित होती रहती हैं पहले समय में तो हम इन सबसे अनभिज्ञ थे किन्तु वर्तमान में विज्ञान तथा टैक्नोलॉजी के कारण हमें समय-समय पर इन घटनाओं की जानकारी मिलती रहती है।

मानव जीवन भी इसी प्रकार कई रहस्यों से जुड़ा है। हम कौन हैं, क्या हैं ? कौन-सी घटनायें हमारे जीवन पर प्रभाव डालती हैं ये प्रश्न कभी-न-कभी हमारे मन में उठते ही हैं। कहते हैं कि एक सीमा तक नक्षत्र हम पर अपना प्रभाव डालते हैं। इस पोस्ट में हम इन्हीं नक्षत्रों की बात करेंगे साथ ही नक्षत्र क्या हैं तथा ये किस प्रकार से ये हमारे जीवन को प्रभावित करते हैं आदि रोचक जानकारियां हम आज की पोस्ट के माध्यम से जानेंगे। तो आईये, पोस्ट शुरू करते हैं।

Also ReadKamakhya Devi : जानिये मां कामाख्या के बारे में

 

Nakshatra : जानें कौन से हैं 27 नक्षत्र ?

Nakshatra

क्रम . नक्षत्र नक्षत्र स्वामी
1 अश्विनी केतु
2 भरणी शुक्र
3 कृतिका सूर्य
4 रोहिणी चंद्रमा
5 मृगशिरा मंगल
6 आद्रा राहु
7 पुनर्वसु ब्रहस्पति
8 पुष्य शनि
9 आश्लेषा बुध
10 मघा केतु
11 पुर्व फाल्गुनी  शुक्र
12  उत्तरा फाल्गुनी  सूर्य
13 हस्त  चंद्रमा
14 चित्रा  मंगल
15 स्वाति  राहु
16 विशाखा  ब्रहस्पति
17 अनुराधा  शनि
18  जयेष्ठा  बुध
19 मूल  केतु
20 पूर्वाषाढ़ा  सूर्य
21 उत्तराषाढ़ा  सूर्य
22 श्रवण  चंद्रमा
23 घनिष्ठा  मंगल
24 शतभिषा  राहु
25 पूर्वा भाद्रपद  ब्रहस्पति
26 उत्तरा भाद्रपद शनि
27 रेवती बुध

 

1. आश्विन

ज्योतिष शास्त्र में सबसे प्रमुख तथा सबसे प्रथम आश्विन नक्षत्र को माना गया है इसके स्वामी केतु हैं। जो व्यक्ति इस नक्षत्र में जन्म लेता है वह बहुत ऊर्जावान होने के साथ-साथ सदैव सक्रिय रहना पसंद करता है। इनकी महत्वाकांक्षाएं इन्हें संतुष्ट नहीं होने देतीं।

Nakshatra

ये लोग रहस्यमयी प्रकृति के इंसान होने के साथ-साथ थोड़े जल्दबाज भी होते हैं ऐसे जातक किसी काम को पहले कर लेते हैं और बाद में उस पर विचार करते हैं। ये लोग अच्छे जीवनसाथी होने के साथ-साथ एक आदर्श मित्र भी साबित होते हैं।

2. भरणी

इस नक्षत्र का स्वामी शुक्र ग्रह होता है जिसकी वजह से इस नक्षत्र में जन्में लोग आराम पसंद और आलीशान जीवन जीना चाहते हैं। ये लोग काफी आकर्षक और सुंदर होते हैं, इनका स्वभाव लोगों को आकर्षित करता है। इनके जीवन में प्रेम सर्वोपरि होता है और जो भी ये ठान लेते हैं उसे पूरा करने के बाद ही चैन से बैठते हैं। इनकी सामाजिक प्रतिष्ठा और सम्मान हमेशा बना रहता है।

3. कृतिका

इस नक्षत्र में जन्में जातक ना तो पहली नजर में प्यार जैसी चीज पर भरोसा करते हैं और ना ही किसी पर बहुत जल्दी विश्वास करते हैं इसके स्वामी सूर्य हैं। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति पर सूर्य का प्रभाव रहता है, जिसकी वजह से ये लोग आत्म गौरव करने वाले होते हैं। ये लोग स्वाभिमानी होने के सथ-साथ तुनक मिजाजी और बहुत उत्साहित रहने वाले होते हैं। ये लोग जिस भी काम को अपने हाथ में लेते हैं उसे पूरी लगन तथा मेहनत के साथ पूरा करते हैं।

4. रोहिणी

राहिणी नक्षत्र का स्वामी चंद्रमा होता है और चंद्रमा के प्रभाव की वजह से ये लोग काफी कल्पनाशील तथा रोमांटिक स्वभाव के होते हैं। ये लोग काफी चंचल स्वभाव के होते हैं और स्थायित्व इन्हें रास नहीं आता। इन लोगों की सबसे बड़ी कमी यह होती है कि ये कभी एक ही मुद्दे या राय पर कायम नहीं रहते।

ये लोग स्वभाव से काफी मिलनसार तो होते ही हैं लेकिन सथ-साथ जीवन की सभी सुख-सुविधाओं को पाने की कोशिश भी करते रहते हैं। विपरीत लिंग के लोगों के प्रति इनके भीतर विशेष आकर्षण देखा जा सकता है।

5. मृगशिरा

Nakshatra

इसके स्वामी मंगल हैं। इस नक्षत्र के जातकों पर मंगल का प्रभाव होने की वजह से ये लोग काफी साहसी और दृढ़ निश्चय वाले होते हैं। ये लोग स्थायी जीवन जीने में विश्वास रखते हैं तथा हर काम पूरी मेहनत के साथ पूरा करते हैं। इनका व्यक्तित्व काफी आकर्षक होता है और ये हमेशा सचेत रहते हैं।

अगर कोई व्यक्ति इनके साथ धोखा करता है तो ये किसी भी कीमत पर उसे सबक सिखाकर ही मानते हैं। ये लोग काफी बुद्धिमान और मानसिक तौर पर मजबूत होते हैं। ये संगीत प्रेमी होते हैं तथा साथ ही सांसारिक सुखों का उपभोग करने वाले होते हैं।

6. आर्द्रा

इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोगों पर आजीवन राहु ग्रह का प्रभाव रहता है क्योंकि इसके स्वामी राहु हैं। राहु का प्रभाव इन्हें राजनीति की ओर लेकर जाता है और इनके प्रति दूसरों में आकर्षण विकसित करता है। ये लोग दूसरों का दिमाग पढ़ लेते हैं इसलिए इन्हें बहुत आसानी से मूर्ख नहीं बनाया जा सकता है। दूसरों से अपना काम निकलवाने में माहिर इस नक्षत्र मे जन्में लोग अपने निजी स्वार्थ को पूरा करने के लिए नैतिकता को भी छोड देते हैं।

7. पुनर्वसु

ऐसा माना जाता है कि इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति के भीतर दैवीय शक्तियां होती हैं। स्वामी ब्रहस्पति होने के कारण ऐसे जातक पितृभक्त एवं गुरुजनों का आदर करने वाले होते हैं। ये लोग काफी मिनसार और प्रेम भावना से ओत-प्रोत होते हैं। आप कह सकते हैं कि जब भी इन पर कोई विपत्ति आती है तो कोई अदृश्य शक्ति इनकी सहायता करने अवश्य आती है। ये लोग काफी धनी भी होते हैं।

8. पुष्य

ज्योतिषशास्त्र के अंतर्गत शनिदेव के स्वामित्व वाले पुष्य नक्षत्र को सबसे शुभ माना गया है। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग दूसरों की भलाई के लिए सदैव तैयार रहते हैं साथ ही इनके भीतर सेवा भावना भी बहुत प्रबल होती है। ये लोग मेहनती होते हैं और अपनी मेहनत के बल पर धीरे-धीरे ही सही किन्तु जीवन में सफलता अर्जित कर ही लेते हैं।

Nakshatra

ये लोग कम उम्र में ही कई कठिनाइयों का सामना कर लेते हैं इसलिए जल्दी परिपक्व भी हो जाते हैं। चंचल मन वाले ये लोग विपरीत लिंग के प्रति विशेष आकर्षण रखते हैं इसके साथ ही इन्हें संयमित और व्यवस्थित जीवन जीना पसंद होता है।

9. आश्लेषा

शास्त्रों के अनुसार बुद्ध के स्वामित्व वाले आशलेषा नक्षत्र में जन्में व्यक्ति ईमानदार होते हैं । इनके बारे में कहा जाता है कि ऐसे जातक दूसरों पर अति शीघ्रता से भरोसा नहीं कर पाते। ये लोग कुशल व्यवसायी साबित होते हैं और दूसरों का मन पढ़कर उनसे अपना काम निकलवा सकते हैं। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोगों को अपनी भाइयों का पूरा सहयोग मिलता है।

10. मघा

इस नक्षत्र को गण्डमूल नक्षत्र की श्रेणी में रखा गया है। सूर्य के स्वामित्व के कारण ये लोग काफी ज्यादा प्रभावी बन जाते हैं इनके भीतर स्वाभिमान की भावना प्रबल होती है और बहुत ही जल्दी इनका दबदबा भी कायम हो जाता है। ये कर्मठ होते हैं और किसी भी काम को जल्दी से जल्दी पूरा करने की कोशिश करते हैं Nakshatra।

इनके भीतर ईश्वरीय आस्था बहुत अधिक होती है या कहें कि ईश्वर से डरने वाले होते हैं। वैसे तो ये गर्म मिजाज होते हैं पर इन्हें जब पता चले कि इनके स्वभाव के कारण किसी को दुःख पहुंचा है तो ये क्षमा याचना करने में भी नहीं झिझकते।

Also Readसम्पूर्ण श्रीमद्‍भगवद्‍गीता Shrimad Bhagwat Geeta In Hindi

11. पूर्वाफाल्गुनी

इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोगों में संगीत और कला की विशेष समझ होती है जो बचपन से ही दिखाई देने लगती है। इन्हें अंतर्ज्ञान शक्ति विरासत में मिली होती है। ये लोग नैतिकता और ईमानदारी के रास्ते पर चलकर ही अपना जीवन व्यतीत करते हैं, शांति पसंद होने की वजह से किसी भी तरह के विवाद या लड़ाई-झगड़े में पड़ना पसंद नहीं करते।

Nakshatra

इनके पास धन की मात्रा अच्छी खासी होती है जिसकी वजह से ये भौतिक सुखों का आनंद उठाते हैं। ये लोग चापलूसी नहीं करते और स्वतंत्र रहना पसंद करते हैं, इस कारण एकाधिक बार नौकरी भी बदलनी पड़ती है।

12. उत्तरा फाल्गुनी

सूर्य के स्वामित्व वाले इस नक्षत्र में जन्मे लोग धार्मिक, ईमानदार, समझदार और बुद्धिमान होते हैं। प्रायः यह लम्बे और स्थूलकाय होते हैं और लम्बी नाक होती है। ये अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए भरपूर प्रयास करते हैं। ये लोग निजी क्षेत्र में सफलता हासिल नहीं कर सकते इसलिए इन्हें सरकारी क्षेत्र में ही अपना कैरियर तलाशना चाहिए।

ये लोग एक काम को करने में काफी समय लगा देते हैं। दूसरों के कार्य बड़ी निष्ठा से पूरे करते हैं पर अपने कार्य करने में सदैव लापरवाह ही होते हैं। अपने हर संबंध को ये लोग लंबे समय तक निभाते हैं।

13. हस्त

इस नक्षत्र के स्वामी चंद्रमा हैं। ऐसे जातक बौद्धिक, मददगार, निर्णय लेने में अक्षम, कुशल व्यवसायिक गुणों से युक्त होते हैं तथा दूसरों से अपना काम निकालने में माहिर माने जाते हैं। इनके मुख पर सदा एक मुस्कुराहट पाई जाती है। इनके व्यक्तित्व व कृतित्व के लिए लोग इनका सम्मान व आदर करते हैं।

Nakshatra

ये जातक हर प्रकार की सुख-सुविधाओं से परिपूर्ण रहते हैं और इनका जीवन आनंद में बीतता है। ये अच्छे सलाहकार भी होते हैं, किसी विवाद को निपटाने की दक्षता इनमें प्रमुखता से पाई जाती है।

14. चित्रा

इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्तियों के स्वभाव में आपको मंगल ग्रह का प्रभाव दिखाई दे सकता है। ये लोग हर किसी के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने की कोशिश करते हैं, इन्हें आप सामाजिक हितों के लिए कार्य करते हुए भी देख सकते हैं। ये लोग विपरीत हालातों से बिल्कुल नहीं घबराते और खुलकर मुसीबतों का सामना करते हैं।

स्वभाव से जिद्दी होने के कारण समाज में इन्हें कई बार विरोध का भी सामना करना पड़ता है। परिश्रम तथा हिम्मत ही इनकी शक्ति होती है। लगभग 32 वर्ष की आयु तक इनका जीवन संघर्षमय रहता है इसके पश्चात इनके जीवन में स्वर्णकाल का पदार्पण होता है।

15. स्वाति

राहु के स्वामित्व वाले इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातक मोती के समान चमकते हैं अर्थात इनका स्वभाव और आचरण स्वच्छ होता है। ऐसा माना जाता है कि इस नक्षत्र में पानी की बूंद सीप पर गिरती है तो वह मोती बन जाती है। तुला राशि में होने की वजह से स्वाति नक्षत्र के जातक सात्विक और तामसिक दोनों ही प्रवृत्ति वाले होते हैं।

Nakshatra

ये लोग राजनीतिक दांव-पेच की अच्छी समझ रखने वाले होते हैं तथा अपने प्रतिद्वंदियों पर सदैव विजय प्राप्त करते हैं। राजनीति इनके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है। इनका बाल्यकाल समस्याओं से परिपूर्ण होता है और आर्थिक संकट इनका साथी रहता है। 30 से 60 वर्ष का इनका समय स्वर्णिम होता है।

16. विशाखा

पठन-पाठन के कार्यों में उत्तम सिद्ध होते हैं ब्रहस्पति के स्वामित्व वाले इस नक्षत्र में जन्मे जातक। ये लोग शारीरिक श्रम तो नहीं कर पाते किन्तु अपनी बुद्धि के प्रयोग से सभी को पराजित करते हैं जैसे वकील आदि। ये जातक काफी सामाजिक होते हैं जिस कारण इनका दायरा भी काफी विस्तृत होता है।

ये लोग महत्वाकांक्षी होते हैं और अपनी प्रत्येक महत्वाकांक्षा को पूरा करने के लिए बहुत मेहनत करते हैं। ऐसे जातमक अपनी पत्नी व बच्चों से अत्यधिक स्नेह करने वाले होते हैं। इन सभी गुणों के साथ इनमें जो अवगुण अकसर देखने में आता है वो है इनकी मद्यपान तथा परस्त्रीगमन की लालसा जिससे इस नक्षत्र के जातक को बचना चाहिए।

Nakshatra

17. अनुराधा

इस नक्षत्र में जन्में लोग अपने आदर्शों तथा सिद्धांतों पर जीवन व्यतीत करते हैं। ये लोग अपने क्रोध को नियंत्रित नहीं कर पाते तथा अपनी इस प्रवृत्ति के कारण कई बार इन्हें काफी हानि का सामना उठाना पड़ता है। इस नक्षत्र में जन्मे जातक अपने दिमाग से अधिक अपने दिल की सुनते हैं तथा अपनी भावनाओं को छिपाकर नहीं रख पाते Nakshatra।

ऐसे लोग बिना लाग-लपेट के सीधी बात करते हैं इस कारण इन्हें कड़वी जुबान वाला होने की संज्ञा भी दी जाती है तथा इस कारण अधिकतर लोग इन्हें पसंद नहीं करते। ऐसे जातक शुरू से ही कमाने वाली प्रवृत्ति के होते हैं तथा लगभग 17 से 18 वर्ष की आयु से ही आजीविका कमाने में लग जाते हैं। इन्हें अपने जीवन में कई प्रकार के अवरोधों का सामना करना पड़ता है किन्तु जैसे-जैसे इनकी उम्र बढ़ती जाती है इनके जीवन में सुख व समृद्धि का आगमन प्रारंभ हो जाता है।

18. ज्येष्ठा

गण्डमूल नक्षत्र की श्रेणी में होने के कारण इन जातकों को संघर्ष बहुत करना पड़ता है। बुद्ध के स्वामित्व वाले ज्येष्ठा नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग अपने दिल की सुनने वाले होते हैं और छोटी-छोटी बातों पर लड़ने के लए तैयार हो जाते हैं। खुली मानसिकता वाले ये लोग सीमाओं में बंधकर अपना जीवन नहीं जी पाते।

ये किसी की नहीं सुनते और अपने मन की करते हैं इसीलिए इन्हें हठी भी कहा जाता है। इन्हें जल्दी ही आजीविका के क्षेत्र में उतर जाना पड़ता है, इसके लिए ये दूर-दराज के क्षेत्रों में जाने से भी नहीं हिचकते और अपने कार्यों को पूरी निष्ठा से निभाते हैं इसीलिए सफल भी होते हैं।

19. मूल

यह नक्षत्र गण्डमूल नक्षत्र की श्रेणी का सबसे अशुभ नक्षत्र माना गया है। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्तियों के परिवार को भी इनके दोष का सामना करना पड़ता है। किन्तु साथ ही इनमें कई विशेषताएं भी होती हैं जैसे कि इनका बुद्धिमान होना, इनकी वफादारी, सामाजिक रूप से जिम्मेदार आदि।

इन्हें आप विद्वानों की श्रेणी में रख सकते हैं। ऐसे जातक को अक्सर अपने जन्म स्थान से दूर हो कर ही सफलता प्राप्त करते देखा गया है। दोस्तों के साथ दरियादिली का व्यवहार कभी-कभी इन्हें आर्थिक संकट में भी डाल देता है। कहा जाता है कि ये लोग अपने भाग्य के स्वयं रचयिता होते हैं।

Nakshatra

20. पूर्वाषाढ़ा

ईमानदार, प्रसन्न, खुशमिजाज, कला, साहित्य तथा अभिनय प्रेमी, बेहतरीन दोस्त और आदर्श जीवनसाथी, ये सभी गुण  सूर्य के स्वामित्व वाले पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में जन्में लोगों में पाई जाती है। ऐसे लोगों की एक ही कमी होती है कि ये बहुत जल्दी निष्कर्ष पर पहुंच जाते हैं और फिर अपने निर्णय से कभी पीछे नहीं हटते चाहे इन्हें बाद में पता चल जाये कि इनका निर्णय गलत है। ऐसे लोगों का विवाह विलम्ब से होता है और अनेकों विवाद के बाद भी ये अपने जीवनसाथी को बहुत प्यार करते हैं। चिकित्सा के क्षेत्र में इनकी प्रतिभा बहुत चमकती है और गुप्त विद्याओं के प्रति भी इनमें रुचि पाई जाती है।

Also ReadKarni Mata : यहां होता है भक्तों और चूहों का अनूठा संगम

 

21. उत्तराषाढ़ा

ये लोग काफी आशावादी और खुशमिजाज स्वभाव के होते हैं। इस नक्षत्र में पैदा होने वाले लोग नौकरी और व्यवसाय दोनों ही में सफलता प्राप्त करते हैं। ये पूरी भावना के साथ अपने मित्रों का साथ देते हैं और इसी स्वभव के कारण इन्हें अपने मित्रों से परस्पर सहयोग और सहायता इन्हें मिलती रहती है।

Nakshatra

ये लोग काफी धनी भी होते हैं। इस नक्षत्र के जातक पारदर्शिता में विश्वास रखते हैं और कभी किसी को न धोखा देते हैं तथा ना ही किसी से धोखा खाना पसंद करते हैं इसलिए धोखेबाजों से दूर ही रहना पसंद करते हैं। ऐसे जातकों के मन में नारी जाति के लिए विशेष सम्मान पाया जाता है।

22. श्रवण

ज्योतिषशास्त्र के अनुसार माता-पिता के लिए अपना सर्वस्व त्यागने वाले श्रवण कुमार के नाम पर ही इस नक्षत्र का नाम पड़ा है। चंद्रमा के स्वामित्व वाले इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोगों में कई विशेषताएं होती हैं जैसे कि इनका ईमानदार होना, इनकी समझदारी, कर्तव्य परायणता आदि।

ये लोग जिस भी कार्य में हाथ डालते हैं उसमें सफलता हासिल करते हैं। इस नक्षत्र वाले जातक बदला लेने में विश्वास नहीं करते और दयालुता से क्षमा करना जानते हैं। ये लोग स्वभाव से खर्चीले नहीं पाये जाते इस कारण इन्हें कंजूस भी समझा जाता है।

23. धनिष्ठा

Nakshatra

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग काफी उर्जावान होते हैं और उन्हें खाली बैठना बिल्कुल पसंद नहीं होता। ये लोग अपनी मेहनत और लगन के बल पर अपनी मंजिल हासिल कर ही लेते हैं। इन्हें दूसरों को अपने नियंत्रण में रखना अच्छा लगता है और ये अधिकार भावना भी रखते हैं।

इन्हें शांतिपूर्ण तरीके से अपना जीवन जीना पसंद करते हैं। विज्ञान के साथ-साथस इनकी इतिहास में भी रुचि होती है तथा वैज्ञानिक अथवा इतिहास ज्ञाता के रूप में प्रसिद्ध होते हैं। इन्हें आमतौर पर अपना खर्चीला स्वभाव बदलने की सलाह दी जाती है।

24. शतभिषा

इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातक शारीरिक श्रम में बिल्कुल विश्वास नहीं करते और प्रत्येक समय अपनी बुद्धि का परिचय देते हैं। इस नक्षत्र में जन्में लोग स्वच्छंद विचारधारा के होते हैं अतः साझेदारी की अपेक्षा स्वतंत्र रूप से कार्य करना पसंद करते हैं। ये लोग उन्मुक्त विचारधारा के होते हैं और मशीनी तौर पर जीवन जीना इन्हें कतई नहीं सुहाता।

ऐसे लोग अपने शत्रुओं पर सदैव ही हावी रहते हैं। शतभिषा नक्षत्र में जन्में जातक अच्छे ज्योतिषी विद्वान बन सकते हैं। विडम्बना ये है कि इन्हें अपने ही परिजनों द्वारा समस्याओं का सामना करना पड़ता है क्योंकि ये प्रत्येक क्षण उनके लिए उपलब्ध रहते हैं।

25. पूर्वभाद्रपद

गुरु ग्रह के स्वामित्व वाले इस नक्षत्र में जन्में जातक सत्य व नैतिक नियमों का पालन करने वाले होते हैं। इूसरों की सहायता करने के लिए हमेशा तैयार रहने वाले ये लोग बहुत अधिक व्यवहार कुशल तथा मिलनसार प्रवृत्ति के पाये जाते हैं। ये लोग आध्यात्मिक प्रवृत्ति के तो होते ही हैं साथ ही साथ ज्योतिष विद्या के भी अच्छे विद्वान होते हैं तथा यदि ये शासकीय सेवाओं में हों तो निरंतर प्रगति पाते हैं। चूंकि ये प्रतिभा के धनी होते हैं इसलिए प्रत्येक कार्यक्षेत्र में चमक सकते हैं।

Nakshatra

26. उत्तराभाद्रपद

इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग हवाई किलों या कल्पना की दुनिया में बहुत अधिक विश्वास नहीं करते। ये लोग बेहद यार्थवादी तथा हकीकत को समझने वाले होते हैं। व्यापार हो अथवा नौकरी, इनका परिश्रम इन्हें हर जगह सफलता दिलाता है तथा इन लोगों में त्याग भावना भी अत्यधिक होती है।

आमतौर पर ये लोग कुछ क्रोधी स्वभाव वाले होते हैं साथ ही ये शत्रु हन्ता भी होते हैं। इनके बारे में कहा जाता है कि यूं तो ये किसी को चोट नहीं पहुंचाते पर यदि कोई इन्हें चोट पहुंचाये तो ये उन्हें नहीं छोड़ते। ऐसे जातक यदि किसी से स्नेह रखते हैं तो अपनी जान भी न्यौछावर करने में पीछे नहीं हटते।

27. रेवती

बुद्ध के स्वामित्व वाले रेवती नक्षत्र में जन्में जातक बहुत ईमानदार होते हैं और इस कारण ये किसी भी रूप में धोखा नहीं दे सकते। परंपराओं और मान्यताओं को लेकर ये लोग काफी रूढ़िवादी होने के बावजूद अपने व्यवहार में लचीलापन रखते हैं।

Nakshatra

इनकी शिक्षा का स्तर काफी ऊँचा होता है और अपनी सूझबूझ से ये बहुत सी मुश्किलों को हल कर लेते हैं। इन जातकों को प्रायः विदेश जाकर बसने के आकांक्षी होते हैं और बसते भी हैं। ये जातक बहुत धर्मशील होते हैं और रूढ़िवादिता से जुड़े होने के कारण प्रायः अंधविश्वासी भी हो जाते हैं।

॥ इति ॥

Also ReadKamakhya Devi : जानिये मां कामाख्या के बारे में

दोस्तों, आशा करते हैं कि आपको nakshatra पोस्ट पसंद आई होगी। यदि पोस्ट पसंद आई हो तो कृपया इसे आगे शेयर करें जिससे अन्य पाठक भी इसका लाभ उठा सकें। आपका अमूल्य समय हमें देने के लिए धन्यवाद। आपका दिन शुभ व मंगलमय हो।


Spread the love