Loneliness Motivational : अकेले चलना सीखो
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क्या आप भी अकेलेपन से घबराते हो, आपको भी अकेले रहने से डर लगता है अगर आपका जवाब हां है तो इस Loneliness Motivational पोस्ट को पढ़ने के बाद कभी अकेले रहने से नहीं घबराओगे। नमस्कार दोस्तों, हमारे ब्लॉग पोस्ट में हम आपका हार्दिक स्वागत करते हैं।
दोस्तों कुछ लोगों को अकेलापन पसंद होता है। ऐसे लोग अकसर समाज से कम ही मिलना-जुलना पसंद करते हैं उन्हें एकांत वास अधिक प्रिय होता है।या फिर यूं कहें कि उन्हें भीड़ का हिस्सा बनना पसंद नहीं होता यानी वे भेड़चाल वाली परंपरा से दूर ही रहना चाहते हैं।
अकेलापन हर एक इंसान के व्यवहार और उसकी प्रकृति पर निर्भर करता है। कुछ लोगों को हमेशा अन्य लोंगो से घिरा रहना पसंद होता है, हमेशा किसी-न-किसी का साथ पसंद होता है। अकेलापन (Loneliness) एक ऐसा शब्द है जिसको सुनने के और महसूस करने के नजरिये हर इंसान के अलग-अलग हो सकते हैं।
कुछ लोग अकेलेपन को एक अवसर की तरह मानते हैं और वहीं कुछ लोगों के लिए अकेलापन नर्क की तरह हो सकता है, एक कैद की तरह हो सकता है जिससे वो जल्द-से-जल्द छुटकारा पाना चाहते हैं।
Loneliness : एकांत में मन होता है ज्यादा फोकस
दुनिया के बड़े-बड़े अविष्कारक जिन्होंने एक-से-एक अविष्कार किये हैं उनमें से अधिकांश ने अकेले रहकर ही काम किया है खुद को अंडरग्राउंड करके पूरे धैर्य के साथ वो अपने काम को अंजाम देते रहे और आज पूरी दुनिया उनके अविष्कारों का लाभ उठा रही है।
आमतौर पर हम अपनी जिंदगी में छोटे से छोटे कामों के लिये भी किसी न किसी का साथ ही ढूंढते रहते हैं । सिंपल एक्सांपल (Simple Example) लेते हैं अगर हमें मार्केट भी जाना है तो मन में आता है किस दोस्त का फोन करूं या किसके साथ मार्केट जाया जाये।
How to be Happy Alone
जब हम डिप्रैशन (depression) में होते हैं और अगर उस समय में आकर कोई हमारा साथ देता है और हमारी केयर करता है उसके साथ रहने की इतनी आदत हो जाती है कि हम उन पर डिपेंड होना शुरू कर देते हैं। कभी कभी ऐसा होता है कि हम अपनी लाईफ में किसी को बहुत ज्यादा वैल्यू देते हैं हमेशा उसके लिये तैयार रहते हैं,
उसके याद करते ही अपने सारे काम छोड़कर उसके पास पहुंच जाते हैं लेकिन धीरे-धीरे हम देखते हैं कि वो हमें इग्नोर करता है या फिर अपना काम निकल जाने के बाद हमें भूल जाता है। तब आप क्या करते हैं ? ज्यादातर कहेंगे हम निराश या हताश हो जाते हैं बुरा लगता है। या फिर तनाव में आ जाते हैं।
खुद की अहमियत समझें
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दोस्तों अपनी अहमियत को समझो, खुद को इतना सस्ता मत बनाओ कि कोई भी तुम्हारा फायदा उठा ले। समस्या तब होती है जब आप किसी के लिए हर वक्त हाजिर रहो और वो व्यक्ति आपके हर वक्त हाजिर रहने का फायदा उठाये। इतना किसी के लिये हाजिर नहीं रहना चाहिए कि ये दुनिया आपको मुफ्त का समझने लगे।
क्या है खुश रहने का मंत्र
खुश रहने का सबसे बड़ा मंत्र है कि अकेले रहना सीखो। जिंदगी में बहुत आगे जाना है तो इसका मंत्र है कि अकेले खुश रहना सीखो। आपको इतना किसी के लिए अवेलेबल नहीं रहना चाहिए।
जीवन की सबसे बड़ी खोज
क्या आप जानते हो इस जिंदगी की सबसे बड़ी खोज क्या है ? इस जीवन की सबसे बड़ी खोज है खुद को खोजना। तुम्हें क्या पसंद है क्या नापसंद? खुद को कहां पहुंचना है ये डिसाइड करने वाले आप होते हो ना कि ये समाज।
लोगों की पसंद की जगह अपनी पसंद चुनो
अकसर हम अपने कैरियर या फिर अन्य के बारे में निर्णय लेने के लिए खुद की जगह अपने आस-पास के लोगों के आधार या फिर उनके पसंद के हिसाब से आॉप्शन चुन लेते हैं और बाद में पछताते हैं।
ऐसा इसलिए होता है क्योंकि हर एक व्यक्ति की नेचर अलग होती है। कोई व्यक्ति किसी काम में बेहतर हो सकता है तो कोई दूसरे में।
एक फिलास्फर ने कहा है कि इंसान एक सामाजिक प्राणी है मगर जब उस इंसान को समाज से ही दिक्कत होने लगे या फिर अगर वो समाज ही तुम्हारा का दुश्मन बन जाये तो तुमको क्या करना चाहिए ?
ऐसे में धैर्य रखो समाज से लड़ने के बजाय अकेले रहकर शांत होकर यह सोचने की जरूरत है कि हमारे लिए समाज से या इस दुनिया से लड़ने से ज्याद क्या जरूरी है। समाज को जवाब उससे लड़कर नहीं बल्कि चुप रहकर खुद को काबिल बनाकर दिया जा सकता है।
खुश रहना है तो शांत रहो
खुद से ये सवाल पूछो कि क्या तुम किसी से लड़कर खुश रह सकते हो? नहीं ना । लड़कर तुम खुश तो नहीं रह सकते बल्कि तुम्हारी रही-सही खुशी और खो जायेगी। क्या हमारा खुश रहना किसी से लड़ाई करने से ज्यादा जरूरी नहीं है ? क्या हमारे लिये हमारी जिंदगी में एक गोल सेट करना जरूरी नहीं है ।
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क्या तुम जानते हो इस दुनिया में काम की कमी नही है कमी है काम करने वालों की । बड़े-बड़े काम जो इस बात का वेट करते रहते हैं कि कौन आदमी स्ट्रांग पर्सन आकर इन कामों को कर सकता है। कई चैलेंजिंग रोल हैं इस दुनिया में जो आप जैसे लोगों का वेट कर रहे हैं कि कोई आप जैसा इंसान आयेगा और इन चैलेंजेज को गले लगायेगा।
शेर बनो भेड़-बकरी नहीं
दोस्तों, आपने देखा होगा कि झुंड में तो भेड़-बकरियां रहते हैं लेकिन शेर अकेला ही रहता है और जंगल का राजा कहलाता है और पूरे जंगल पर उसका अधिकार होता है।
तो दहाड़ों एक शेर की तरह और यह बता इस दुनिया रूपी जंगल को कि शेर यानी की मैं भले ही अकेला Loneliness हूं लेकिन मैंने अभी हार नहीं मानी है चुप हूं तो ये ना समझना कि कमजोर हूं कुछ दिन ठहरो, एक दिन आयेगा जब वक्त मेरी गवाही देगा।
हम रोज देखते हैं कि सुबह सूरज अकेला ही निकलता है वह अकेला है तो इसका मतलब यह नहीं है कि कमजोर है बल्कि उसे विश्वास है कि वो अकेले ही सारी दुनिया को रोशन करने की ताकत रखता है।
सबसे उंची चोटी माउंट एवरेस्ट दुनिया में एक ही है, इसका मतलब यह नहीं है कि वह अकेली है बल्कि इसका मतलब यह है कि उसके जितनी चोटी और दूसरी कोई नहीं है।
अकेलापन Loneliness प्रतीक है ताकत का क्योंकि आप उस जगह पर होते हो जहां तक पहुंच पाना किसी के लिए संभव नहीं होता । अकेलापन प्रतीक है खुशी का, क्योंकि आप किसी पर डिपैंड नहीं रहते, आपकी उम्मीदें किसी से बंधी नहीं होतीं।
आप कोई कदम उठाने से पहले किसी के दबाव में नहीं होते। आप खुद के मालिक होते हो। अकेलापन खुशी पाने का सबसे बड़ा आधार है, अकेलापन Loneliness किसी के साथ का मोहताज नहीं होता क्योंकि जीत हुई तो उसकी और हार हुई तो भी उसकी।
जिंदगी एक खेत है जिसको खुद के खून और आंसुओं से सींचना पड़ता है। आपको डिपैंड नहीं बल्कि इंडिपैंडेंट होने की जरूरत है। कुछ अच्छे लोग या तो अकेले पड़ जाते हैं या जानबूझकर अकेले हो जाते हैं क्योंकि उनको इस दुनिया की चाल समझ में आ जाती है।
आपको कितना ही दर्द सहना पड़े अकेले सहना सीखिये जब आपके शरीर का दर्द कोई नहीं बांट सकता तो आपके मन का दर्द कोई कैसे बांट सकता है क्योंकि वो तो किसी को दिखता भी नहीं है कि आपको कहां पर चोट आई है।
सोचिये कि अगर आपका सबसे अच्छा दोस्त आप खुद बन जायें तो क्या आपको कोई हर्ट कर पायेगा , कोई दुखी कर पायेगा ? अगर आप ही आपके सबसे बड़े हमदर्द बन जायें तो क्या आपको कोई दर्द दे पायेगा।
जब आप दुखी होते हो तो आप सहारा ढूंढते हो कि कोई आये और अपने हाथों से आपके आंसुओं को पोंछे। लेकिन ध्यान रखो कि आंसु भी वही पोंछेगा जिसके लगेगा कि आप उसके काम आ सकते हो। आप किसी और का साथ कब ढूंढते हो जब आपको लगता है कि वह आपसे ज्यादा ताकतवर है। इस दुनिया में कुछ भी इतना ताकतवर नहीं है जितना कि वह इंसान है जिसे खुद पर विश्वास है, जिसका आत्मविश्वास बढ़ा हुआ है ।
यदि आपको लगता है कि आपकी खुशी किसी दूसरे पर निर्भर करती है तो ये जान लो कि खुशी केवल और केवल आपके सोचने पर डिपैंड करती है। खुशी एक आदत है जो आपको बनानी पड़ती है सोचो कि मुझे खुश रहना है मतलब खुश रहना है कोई आये, कोई जाये कोई सम्मान करे या अपमान। मुझे खुश रहना है मतलब खुश रहना है।
रवींद्रनाथ टैगोर और स्वामी विवेकानंद भी चले थे अकेले
रवींद्रनाथ टैगोर ने कहा था ऐकला चलो रे। जब स्वामी विवेकानंद शिकागो शिखर सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करने गये थे तब वे अकेले थे। पढ़ो उनके बारे में कि विदेश में उनके प्रति वहां के लोगों का व्यवहार कैसा था। लेकिन वे अकेले ही चलते रहे परिस्थितियों से विचलित नहीं हुये।
बाज बनो गिद्ध नहीं
दोस्तों, बाज कभी झुंड बनाकर नहीं रहता बल्कि अकेले रहकर आकाश में उड़ान भरता है तो बाज बनो गिद्ध नहीं। पहचानो अपने आपको, जगाओ अपने आत्मविश्वास को और दिखा दो दुनिया को कि आपमें है वो कैपेबिलिटी जो भीड़ और झुंड का हिस्सा नहीं बल्कि अपना अलग मुकाम हासिल करने की ताकत रखती है।
॥समाप्त्॥
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