Bhagwan Ki Kripa : परमात्मा की कृपा
दोस्तों हम सभी को भगवान Bhagwan ki kripa के ऊपर पूरा भरोसा होता है। हम जिन्हें भी अपना ईष्ट मानते हैं अपनी सारी परेशानियां तथा सुख-दुःख को उन्हीं से शेयर करते हैं हम ऐसा मानते हैं कि हमारे आराध्य हमारी बातें सुनते हैं तथा हमारी परेशानियों को दूर करते हैं।
लेकिन अक्सर आप सभी ने देखा होगा कि कभी-कभी कुछ समस्यायें इतनी ज्यादा हो जाती हैं कि हमारा विश्वास डगमगा जाता है या फिर हम भगवान Bhagwan से शिकायत करने लगते हैं कि इतनी पूजा-पाठ का कोई फायदा नहीं होता, परेशानियां आ जाती हैं आदि।
तो दोस्तों इसी से जुड़ी एक कहानी आज हम आपको सुनाते हैं । इस कहानी में से हम जानेंगे कि अगर हम पूरे विश्वास और सच्चे मन से अपने ईष्ट की सेवा करतें हैं तो किस तरह वह हमारी सहायता करते हैं साथ ही हम यह भी आशा करते हैं कि आपको इस कहानी से अपने सवालों के सभी जवाब मिल जायेंगे। तो आईये कहानी की ओर चलते हैं –
इसे भी पढ़ें – गणेश जी की कृपा: Ganesh Ji Ki Kripa
दोस्तों एक समय की बात है एक भोल-भाला व्यक्ति अपनी पत्नि के साथ गांव से किसी काम की तलाश में शहर आया। उस दंपत्ति के पास जो थोड़ी-बहुत जमा पूंजी थी उससे उन्होंने शहर में किराये पर एक सस्ता-सा मकान ले लिया । काफी समय बीत गया था लेकिन काम नहीं मिल पा रहा था अब तक उन दोनों ने वापस अपने गांव लौटने का मन भी बना लिया था।
एक दिन की बात है जब वह व्यक्ति काम की तलाश में कहीं जा रहा था तो रास्ते में उसने देखा कि एक धार्मिक स्थल का निर्माण कार्य चल रहा है साथ ही वहां पर सेवा भी चल रही थी।
वहां पर कुछ लड़के भी सेवा का कार्य कर रहे थे उनसे उस व्यक्ति ने पूछा कि क्या मैं यहां पर कुछ काम कर सकता हूं ? लड़कों ने कहा हां-हां जरूर कर सकते हो। फिर व्यक्ति ने पूछा कि तुम्हारे मालिक कहां पर हैं मैं उनसे बात करके यहां भर्ती होना चाहता हूं जिससे मुझे मेरा मेहनताना मिल सके।
लेकिन वहां पर तो कोई मालिक था ही नहीं क्योंकि वहां पर तो सेवा का काम चल रहा था। सभी लोग उस जगह पर अपनी श्रद्धा के कारण काम कर रहे थे और श्रम दान कर रहे थे। उस व्यक्ति को इस बात का पता नहीं था उसने तो यही सोचा कि यहां पर काम के बदले में पैसा मिलता है।
लड़कों को एक शरारत सूझी वे बोले, हमारे मालिक तो किसी काम से शहर से बाहर गये हैं वे एक सप्ताह के बाद ही वापस लौटेंगे। तुम यहां पर काम करना शुरू कर दो हम उन्हें तुम्हारे बारे में बता देंगे कि तुमने आज से यहां काम शुरू किया है। ऐसा सुनकर उस व्यक्ति ने भगवान को तथा उन लड़कों को धन्यवाद दिया और उसी दिन से वहां पर काम करना शुरू कर दिया।
अब वो व्यक्ति रोज सुबह आता और शाम तक बड़ी मेहनत और ईमानदारी से अपना काम करता। लगभग एक सप्ताह बीत जाने के बाद उसने लड़कों से कहा कि भाई, मालिक से मेरी बात करवा दो तो लड़कों ने फिर से टाल दिया। एक महीने के बाद जब उसने कहा कि भाई मुझे मालिक से मिलवा दो, मुझे पैसों की जरूरत है, अगर आज पैसे नहीं मिले तो घर पर खाना नहीं बनेगा।
जब लड़कों ने यह सुना तो उन्हें अपनी शरारत पर बड़ा पछतावा हुआ उन्हें अपनी गलती का एहसास हुआ। लेकिन अब क्या करें वहां पर तो कोई मालिक था ही नहीं । कुछ न सूझते देख लड़कों ने आपस में बात की और कुछ पैसे इकट्ठा कर उस व्यक्ति को दे दिये।
जब व्यक्ति घर चला गया तो सब लड़कों ने फैसला किया कि कल उस व्यक्ति को सब कुछ सच बता देंगे और माफी मांग लेंगे।
अगले दिन जब वह काम पर आया तो सभी उससे बोले कि भाई! हमें माफ कर दो हमसे बड़ी भूल हो गई। और ऐसा कहकर उन्होंनें उस व्यक्ति को सारी बातें बता दीं। वे बोले हमने तो ऐसे ही मजाक में तुमसे मालिक की बात कही थी।
ये सुनकर वह बोला कि भाई मजाक तो आप लोग कर रहे हैं। ये सुनकर सभी आश्चर्य में पड़ गये उस व्यक्ति ने आगे कहा कि हमारे मालिक तो सचमुच बहुत ही अच्छे और दयालु व्यक्ति हैं।
फिर उसने पूरी बात बतानी शुरू की। वह बोला कल जब मैं अपने घर पहुंचा तो मेरी पत्नी ने मुझे बताया कि आपके मालिक आज दोपहर को आये थे और बोले कि तुम्हारा पति बड़ी मेहनत और ईमानदारी से अपना काम करता है और ऐसा कहकर वह पूरे एक महीने की पगार और एक महीने तक का राशन देकर गये।
ऐसा कहकर वह व्यक्ति अपने मालिक को धन्यवाद देकर फिर से अपने काम में जुट गया।
तो दोस्तों इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें कभी भी अपने Bhagwan ईश्वर पर संदेह नहीं करना चाहिये वे हर समय हर एक के साथ हैं और जानते हैं कि हम क्या कर रहे हैं। हमारे ईष्ट यह भी जानते हैं कि उन्हें कब किस व्यक्ति को कितना और क्या देना है ।
हमें तो बस मन से अच्छे कर्म करते रहना है जैसा कि गीता में भगवान श्री कृष्ण ने भी कहा है कि कर्म किये जाओ फल की चिन्ता मत करो।
उम्मीद करते हैं कि आपको यह कहानी पसंद आई होगी।
नमस्कार दोस्तों, मैं सुगम वर्मा (Sugam Verma), Jagurukta.com का Sr. Editor (Author) & Co-Founder हूँ । मैं अपनी Education की बात करूँ तो मैंने अपनी Graduation (B.Com) Hindu Degree College Moradabad से की और उसके बाद मैने LAW (LL.B.) की पढ़ाई Unique College Of Law Moradabad से की है । मुझे संगीत सुनना, Travel करना, सभी तरह के धर्मों की Books पढ़ना और उनके बारे में जानना तथा किसी नये- नये विषयों के बारे में जानकारियॉं जुटाना और उसे लोगों के साथ share करना अच्छा लगता है जिससे उस जानकारी से और लोगों की भी सहायता हो सके। मेरी आपसे विनती है की आप लोग इसी तरह हमारा सहयोग देते रहिये और हम आपके लिए नईं-नईं जानकारी उपलब्ध करवाते रहेंगे। आशा है आप हमारी पोस्ट्स को अपने मित्रों एवं सम्बंधियों के साथ भी share करेंगे। और यदि आपका कोई question अथवा सुझाव हो तो आप हमें E-mail या comments अवश्य करें।