Ujjain mahakal temple : नहीं होंगे भस्म आरती के दर्शन

Ujjain mahakal temple : नव वर्ष पर नहीं होंगे भस्म आरती के दर्शन|

नमस्कार दोस्तों ! हमारे ब्लॉग पोस्ट Ujjain mahakal temple में आपका हार्दिक अभिनंदन है। दोस्तों, भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित है। यह दुनिया का एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां शिवलिंग की आरती भस्म से की जाती है स्थानीय निवासी इसे भस्म आरती कहते हैं।

इसकी लोकप्रियता का अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि देश ही नहीं अपितु विदेशों से भी श्रद्धालु इस भस्म आरती को देखने पूरी श्रद्धा के साथ यहां पहुंचते हैं। तड़के 3 बजे से ही भक्तों की कतारें इसे देखने के लिए लग जाती है।
लेकिन इस बार नये साल पर इस आरती का आयोजन नहीं किया जायेगा। श्रद्धालु इस बार इस आयोजन से क्यों वंचित रहेंगे ? जानने के लिए पढ़े यह पूरी खबर।

Ujjain mahakal temple : जानें क्या है कारण

Ujjain mahakal temple

दोस्तों, नए साल पर हर एक व्यक्ति अपनी पसंद के स्थान पर जाना चाहता है कुछ लोग जहां घूमने के लिए पर्वत की ओर अपना रुख करते हैं, कुछ विदेश जाकर नया साल सेलिब्रेट करते हैं तो कुछ अपने पारिवारिक सदस्यों के साथ किसी तीर्थ स्थान जाते हैं तथा आने वाले साल में अपनी व अपने परिवार की कुशलता के लिए आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

महाकालेश्वर मंदिर में नए साल पर श्रद्धालु लाखों की संख्या में पहुंचते हैं जिस कारण मंदिर समिति पर बहुत ज्यादा दबाव रहता है। यातायात से लेकर सभी भक्तों की सुरक्षा भी सुनिश्चित करनी होती है साथ ही पूरा मैनेजमेंट अलर्ट रहता है जिससे कि कोई अप्रिय घटना न घटे। 

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Ujjain mahakal temple

चिता की राख और भस्म आरती

यह आरती अपने आप में इसलिए भी अनोखी थी क्योंकि पहले इस आरती में मुर्दे की राख का प्रयोग किया जाता था किन्तु अब इसमें गाय के गोबर को सुखाकर तथा उसके कुंडे की राख का प्रयोग किया जाता है।

Ujjain mahakal temple

चलित लाइन द्वारा होगें दर्शन

भगवान महाकाल की भस्म आरती के दर्शन की इच्छा से उज्जैन आने वाले भक्तों को नव वर्ष के मौके पर परेशानी का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि 25 दिसंबर से पांच जनवरी तक भस्म आरती दर्शन की अनुमति फुल है। लेकिन मायूस होने की जरूरत नहीं है, सभी को चलित लाइन के जरिए भस्मारती के दर्शन कराने की व्यवस्था श्री महाकालेश्वर मंदिर समिति ने की है। दरअसल, मंदिर समिति की वेबसाइट पर 25 दिसंबर से पांच जनवरी तक ऑनलाइन परमिशन फुल हो चुकी है। 

क्रिसमस से लेकर नव वर्ष तक बड़ी संख्या में बाबा महाकाल के भक्त महाकाल मंदिर पहुंचते हैं। इस बार भी लाखों भक्त बाबा महाकाल के दर्शन के लिए मंदिर पहुचेंगे। महाकाल मंदिर आने वाले भक्त भस्म आरती में जरूर शामिल होना चाहते हैं। लेकिन एक महीने पहले ही 25 दिसंबर से पांच जनवरी तक ऑनलाइन परमिशन बुक हो चुकी है। ऐसे में उन भक्तों को निराशा हाथ लगेगी, जो छुट्टियों के दिनों में या फिर नया साल बाबा महाकाल की भस्म आरती में शामिल होकर मनाना चाहते हैं। Ujjain mahakal temple

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क्रिसमस की छुट्टी और नव वर्ष पर अधिक संख्या में भक्त भस्म आरती के लिए पहुचेंगे, उनके लिए चलित भस्म आरती की व्यवस्था की गई है। मंदिर समिति का कहना है कि ऑनलाइन परमिशन नहीं मिलने से भक्तों को निराश होने की जरूरत नहीं है। उन सभी भक्तों को चलित भस्म आरती में निशुल्क प्रवेश मिलेगा।Ujjain mahakal temple

25 दिसंबर से पांच जनवरी तक कार्तिक मंडपम को खाली रखकर चलित भस्म आरती की व्यवस्था की जाएगी, जिससे हजारों भक्त सुबह होने वाली भस्मआरती के दर्शन कर सकें। अभी कुल 1,700 भक्त रोजाना नंदी हॉल, गणेश मंडपम और कार्तिक मंडपम में बैठकर भस्मआरती में शामिल होते हैं, जिसमें 400 भक्तों को ऑनलाइन दर्शन का लाभ मिलता है।

Ujjain mahakal temple

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