fbpx

Sri Mallikarjuna Stotram : जानें श्री मल्लिकार्जुन स्तोत्र के बारे में

Spread the love

Sri Mallikarjuna Stotram : जानें श्री मल्लिकार्जुन स्तोत्र के बारे में|

नमस्कार दोस्तों ! हमारे ब्लॉग पोस्ट Sri Mallikarjuna Stotram में आपका हार्दिक अभिनंदन है। दोस्तों, भगवान शिव के 12 ज्योर्तिलिंग हमारे देश में स्थित हैं जो उत्तराखण्ड में श्री केदारनाथ से लेकर दक्षिण में कन्याकुमारी तक हैं। इनमें से एक दक्षिण में स्थित श्री मल्किर्जुन ज्योतिर्लिंग है जहां भगवान शंकर माता पार्वती के साथ विराजते हैं।

आज की पोस्ट में हम इन्हीं श्री मल्लिकार्जुन स्तोत्र को पढ़ेंगे। तो आईये, पोस्ट आरंभ करते हैं –

Mallikarjuna Stotram in Hindi – श्री मल्लिकार्जुन स्तोत्रम्

Sri Mallikarjuna Stotram

श्रीकण्ठादिसमस्तरुद्रनमितो वामार्धजानिः शिवः
प्रालेयाचलहारहीरकुमुदक्षीराब्धितुल्यप्रभः ।
विष्वक्सेनविघातमस्तमकुटीरत्नप्रभाभास्वरः
श्रीमत्पर्वतमल्लिकार्जुनमहादेवः शिवो मे गतिः ॥ १॥

Also ReadShiv Ji : अर्धनारीश्वर स्तुति हिन्दी अर्थ सहित।

इन्द्राद्यामरयातुधानकरवल्लीवेल्लिताशीविषा-
धीशाकर्षितमन्दरागमथिताम्भोराशिजातस्फुर- ।
त्कीलासंहितविस्फुलिङ्गगरलग्रासैकशाम्यद्भयः
श्रीमत्पर्वतमल्लिकार्जुनमहादेवः शिवो मे गतिः ॥ २॥

उद्यद्भासुरकासरासुरभुजादर्पाद्रिदम्भोलिभृ-
त्पाटीरामरधेनुनायकककुद्विन्यस्तहस्ताम्बुजः ।
नीहाराचलकन्यकावहनपादद्वन्द्वपादोरुहः
श्रीमत्पर्वतमल्लिकार्जुनमहादेवः शिवो मे गतिः ॥ ३॥

नीरेजासनमुख्यनिर्जरशिरःप्रच्छन्नपादद्वयः
सर्वज्ञत्रिपुरासुराहितगणाम्भोदौघझञ्झानिलः ।
मार्कण्डेयमहामुनीश्वरनुतप्रख्यातचारित्रकः
श्रीमत्पर्वतमल्लिकार्जुनमहादेवः शिवो मे गतिः ॥ ४॥

Sri Mallikarjuna Stotram

Sri Mallikarjuna Stotram

सद्भक्तावलिमानसाम्बुरुहचञ्चच्चञ्चरीको मृडः
क्रीडाबन्धुरपाणिहृत्कमलपोतः कर्णगोकर्णराट् ।
चक्री चक्रसमस्तभूषणगणः कोलासुरध्वंसकः
श्रीमत्पर्वतमल्लिकार्जुनमहादेवः शिवो मे गतिः ॥ ५॥

कल्याणाचलकार्मुकप्रथितदुग्धाम्भोधिकन्यामनः
कञ्जातभ्रमरायमाणविलसद्गोविन्दसन्मार्गणः ।
धात्रीस्यन्दनभासमाननलिनीजात(प्त)त्रयीसैन्धवः
श्रीमत्पर्वतमल्लिकार्जुनमहादेवः शिवो मे गतिः ॥ ६॥

गोराजोत्तमवाहनः शशिकलालङ्कारजूटः सदा
पद्मानायकसायकस्त्रिभुवनाधीशः पशूनां पतिः ।
भक्ताभीष्टफलप्रदानचतुरः कारुण्यपाथोनिधिः
श्रीमत्पर्वतमल्लिकार्जुनमहादेवः शिवो मे गतिः ॥ ७॥

Also ReadPashupati Vrat : पशुपति (पाशुपत) व्रत की महिमा | विधि तथा नियम | Katha | Aarti

पातालामरवाहिनीवरजलक्रीडासमेतः सदा
रम्भाकननवाटिकाविहरणोद्युक्तस्त्रयीगोचरः ।
फालाक्षो भ्रमराम्बिकाहृदयपङ्केजातपुष्पन्धयः
श्रीमत्पर्वतमल्लिकार्जुनमहादेवः शिवो मे गतिः ॥ ८॥

Sri Mallikarjuna Stotram

॥ इति श्री मल्लिकार्जुन स्तोत्र सम्पूर्णम् ॥

दोस्तों, आशा करते हैं कि पोस्ट Sri Mallikarjuna Stotram आपको पसंद आई होगी। कृपया पोस्ट को शेयर करें साथ ही इसी प्रकार की ज्ञानवर्धक जानकारियां प्राप्त करने के लिए हमारे ब्लॉग से जुड़े रहें। अपना अमूल्य समय देने के लिए धन्यवाद। आपका दिन शुभ व मंगलमय हो।


Spread the love