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Do Bailon Ki Katha : हीरा और मोती दो बैलों की कहानी

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Do Bailon Ki Katha : हीरा और मोती दो बैलों की कहानी

 

Do Bailon Ki Katha किसी गांव में एक किसान रहता था उसका नाम था हरिया। हरिया एक सीधा—साधा किसान था उसके पास थोडी–सी जमीन थी  जिससे दाल–रोटी चल जाती थी उसकी पत्नी का नाम था कुसुम। हरिया के पास दो बैल थे हीरा और मोती, वे दोनों बड़े हष्ट-पुष्ट एवं बलशाली थे तथा दोनों बैल आपस में बड़े प्रेम से रहते थे पूरे गांव में उनकी चर्चा होती थी।

दोनों बैल हरिया से बहुत प्यार करते थे तथा हरिया भी उन बैलों को अपने बच्चों की तरह प्यार करता क्योंकि उसके कोई संंतान नहीं  थी। हरिया उन दोनों को खाने को खूब सारा हरा-हरा चारा उन्हें देता था उसने कभी भी हीरा और मोती पर हाथ नहीं उठाया था। हीरा की पत्नी कुसुम भी उन्हें बड़ा प्यार करती थी जब शाम को वे सभी खेत से वापस आते तो उनके लिये तरह-तरह के पकवान बनाकर तैयार करती।

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सुबह-सुबह हरिया दोनों को खेत पर ले जाता जहां दोनों बैल खूब मेहनत से खेत की जुताई करते  और जब थक जाते तो वहीं नलकूप पर पानी पीकर पेड़ की छांव में बैठ जाते ,तब तक हरिया भी अपनी थकान मिटा लेता था। शाम को जब वे सब वापस आ जाते तो हरिया उन्हें चारा खिलाकर घर के बरामदे में ही बांध देता था और वहीं पास में खाट पर सो जाता।

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एक दिन की बात है दो चोर बैलों Do Bailon Ki Kahani को चुराने के लिये हरिया के घर में घुस आये, उन्होंने हरिया को बेहोशी की दवा सुंघा दी जिससे वह बेहोश हो गया और दोनों चोर हीरा और मोती को अपने साथ ले गये। सुबह को जब हरिया को होश आया तो उसने देखा कि हीरा और मोती की रस्सियां खुली हुई हैं और वे दोनों गायब हैं  तो उसने अपनी पत्नी को आवाज लगाई जो कि घर के अन्दर सो रही थी।

पति-पत्नी दोनों ने सभी जगह पर उन्हें ढूंढा पर कोई फायदा नहीं हुआ। दोनों बैलों के चोरी हो जाने से हरिया और उसकी पत्नी दोनों बहुत दुःखी हुये और उन्हें याद करके रोने लगे। उधर, जब चोर हीरा और मोती को लेकर जा रहे थे तो दोनों ने उन चोरों को खूब छकाया, कभी हीरा एक ओर भागता तो कभी मोती दूसरी ओर। खैर, वे चोर किसी तरह अपने गांव पहुंचे और बैलों को घर पर बांधकर उनके सामने रूखा-सूखा चारा डाल दिया।

हीरा और मोती को अपने पुराने मालिक हीरा की बहुत याद आती आखिर आये भी क्यों ना हरिया दोनों से इतना प्यार जो करता था दोनों बैल हरिया से बिछड़ने के कारण बहुत दुखी थे। उनमें से एक चोर की एक छोटी लड़की थी जिसे उन दोनों बैलों पर बड़ी दया आती और वह चुपके से दोनों को एक-एक रोटी खिला देती थी दोनों बैल भी उसको बड़ा प्रेम करते Do Bailon Ki Katha।

एक दिन उन चोरों ने अपने गांव के एक धनी किसान को बुलाकर उन बैलों को बेच दिया।  हीरा-मोती उस किसान के गुलाम हो गये थे वह किसान  बडे निर्दयी स्वभाव  का था। वह उनसे सारा दिन तेज धूप में अपने खेत पर खूब काम करवाता और खाने के नाम पर उन्हें रूखी-सूखी घास डाल दिया करता था। ये देखकर दोनों बैलों को बड़ा गुस्सा आत, अब उन्होंने किसान के चंगुल से भागने की योजना बनानी शुरू कर दी।

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एक दिन की बात है। दिन भर अपने खेत में Do Bailon Ki Katha हीरा और मोती से हल जुतवाने के बाद शाम को घर लौटकर किसान ने दोनों को खूंटे से बांध दिया। रात हो चुकी थी सब सोने चले गये थे। अब हीरा और मोती ने अपनी रस्सी को खूंटे से घिसना शुरू कर दिया जिससे धीरे-धीरे रस्सी घिसकर कमजोर हो गयी और कुछ देर के बाद टूट गयी।

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Do Bailon Ki Katha अब दोनों  अपने मालिक हरिया  के गांव की ओर सरपट भागे और पूरी रात चलने के बाद वह हरिया के गांव पहुंचे। दिन निकलते ही वह हरिया के सामने थे दोनों बैलों को अपने सामने देखकर हरिया ने रोते हुये दोनों को गले से लगा लिया और खूब प्यार किया। उधर, जब उस किसान ने दोनों बैलों को अपने आंगन में बंधा हुआ नहीं पाया तो उसे संदेह हुआ और उसे समझते देर न लगी कि हो न हो हीरा-मोती अपने पुराने मालिक हरिया के पास ही गये हैं वह उनका पीछा करते हुये वहीं जा पहुंचा।

उसे देखकर तो हीरा और मोती को बड़ा क्रोध आया और दोनों के दोनों उसे अपने सींग से पटकने के लिये उसके पीछे दौड़ पड़े। वह किसान सिर पर पांव रखकर भागा और किसी तरह अपनी जान बचाई और जाकर अपने गांव के सरपंच जी से शिकायत कर दी। सरपंच ने हरिया और दूसरे किसान को वहां बुलवाया तब हरिया ने सारी बात बता दीं कि चोरों ने उसके हीरा और मोती को चुरा लिया था।

जांच में सबकी पोल खुल चुकी थी निर्णय हुआ कि Do Bailon Ki Katha दोनों बैलों को हरिया को सौंप दिया जाये तथा उस किसान और चोरों को पुलिस को सौंं दिया जाये क्योंकि उस किसान ने भी बिना जांच-पड़ताल किये वह चोरी किये हुये बैल खरीद लिये थे। निर्णय होने के बाद हरिया खुशी-खुशी अपने घर लौट आया और हीरा व मोती को गले लगाकर उनका माथा चूम लिया

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उसने दोनों को हरा-हरा चारा और अपनी पत्नी कुसुम से अन्य स्वादिष्ट व्यंजन भी बैलों के लिये तैयार करवाये  दोनों बैलों एवं हरिया की आंखों में प्रसन्नता के आंसू थे। अब से हीरा-मोती, हरिया तथा कुसुम सभी बड़े प्रेम से साथ-साथ रहने लगे।

Do Bailon Ki Katha शिक्षा :- हमें सदा अच्छे कर्म करने चाहिये क्योंकि अच्छे कर्मों का नतीजा अच्छा व बुरे कर्मों का नतीजा बुरा होता है।


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