Tooni Machli : निखिल और टूनी मछली
Tooni Machli सुदूर देश के राजा थे चित्रसेन। उनका राज्य बड़ा ही खुशहाल था वहां की प्रजा अपने राजा चित्रसेन के संरक्षण में बहुत सुखी रहती थी। आस-पास के राज्य के राजा भी राजा चित्रसेन के राज्य के कौशल की प्रशंसा किया करते थे। बाकी तो सब कुछ अच्छा था किन्तु राजा एक समस्या से बहुत दुःखी रहा करते थे।
समस्या यह थी कि उस राज्य में प्राकृतिक आपदा बहुत आती थी कभी अत्यधिक बारिश हो जाती थी जिसके कारण वहां बाढ़ आ जाती तो कभी सूखा पड़ जाता। राजा ने कई बड़े-बड़े ज्योतिषियों की भी सलाह ली किन्तु सब विफल ही रहा। एक विद्वान ज्योतिष ने राजा को बताया कि राजन ! पशु-पक्षियों को प्राकृतिक आपदा के आने का पता पहले ही चल जाता है यदि कोई ऐसा व्यक्ति हो जो कि पशु-पक्षियों की बोली को समझता हो तो आपकी समस्या का हल हो सकता है।
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उसी राज्य में निखिल नाम का एक बहुत ही बुद्धिमान तथा परोपकारी लड़का रहता था। उसका स्वभाव बहुत ही अच्छा था और वह हमेशा ही दूसरों की मदद के लिए तैयार रहा करता था। निखिल की मां उसे समझाया करती थी कि हमेशा पीड़ितों की मदद के लिए तैयार रहना चाहिये तथा जितना हो सके हमें दूसरों की भलाई के लिए काम अवश्य करने चाहिये।
निखिल का एक दोस्त था आलोक जो उसके घर के पास ही रहा करता था। आलोक के घर पर जाते समय एक छोटी-सी नदी बहती थी जिसमें रंग-बिरंगी Tooni Machli मछलियां रहा करती थीं। नदी के किनारे पर एक बहुत बड़ा हरा-भरा घास का मैदान था जहां बहुत से सुन्दर पेड़-पौधे थे तथा जिन पर रंग-बिरंगी तितलियां मण्डराती रहती थीं।
निखिल को वह जगह बहुत ही पसंद थी तथा वह घण्टों नदी के किनारे पर बैठकर उन मछलियों को निहारा करता था वह मां से आटे की छोटी-छोटी गोलियां ले जाता था तथा उन मछलियों को खिलाता था। अब तो मछलियों की भी निखिल से अच्छी पहचान हो चुकी थी तथा उन्हें निखिल के आने का इंतजार रहता था जैसे ही निखिल वहां पहुंचता सारी मछलियां नदी के तट पर इकट्ठा हो जातीं। उन्हीं मछलियों में एक टूनी नाम Tooni Machli की मछली रहती थी जिससे निखिल की अच्छी दोस्ती हो गई थी।
एक समय की बात है निखिल मछलियों को आटे की गोलियां डाल रहा था तभी उसकी नजर मछली पकड़ने वाले जाल पर पड़ी। शिकारी ने नदी में जाल डाल रखा था और एक पेड़ के नीचे बैठ गया था, गर्मी के दिन थे और पेड़ों के नीचे ठंडी छांव में लेटे-लेटे उसको नींद आ गई इधर सारी मछलियां उस जाल में फंस गईं। अब तो सारी मछलियां घबरा गईं और बचाओ-बचाओ का शोर मचाने लगीं।
निखिल ने बड़ी चतुराई से शिकारी के जागने से पहले उस जाल को काट दिया और मछलियों को मुक्त कर दिया। अब तो सारी मछलियां निखिल को धन्यवाद देती हुई नदी के अंदर गहरे पानी में चली गईं। तभी टूनी मछली Tooni Machli वापस आई और निखिल से बोली – ‘‘ निखिल आज तुमने हमारी जान बचाकर हम पर बड़ा उपकार किया है इसके बदले में मैं तुम्हें एक विद्या प्रदान करती हूं। निखिल को बड़ा आश्चर्य हुआ कि वह टूनी मछली की भाषा को कैसे समझ पा रहा है ?‘
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टूनी ने आगे कहा कि आज से तुम सभी पशु-पक्षियों की बोली को समझ पाओगे। ऐसा कहने के बाद टूनी मछली Tooni Machli वापस पानी में चली गई। यह बात निखिल ने घर आकर अपनी मां को बताई तो मां ने कहा कि यह तुम्हारे परोपकार का ही फल है। अब तो यह बात निखिल ने अपने दोस्त आलोक को बताई तब पहले तो उसे विश्वास ही नहीं हुआ लेकिन जल्द ही उसे यह बात समझ आ गई। दोनों दोस्त जब भी जंगल से जाते तो निखिल आलोक को बताता कि यह पशु-पक्षी आपस में क्या बातें कर रहे हैं।
एक समय की बात है मध्य रात्रि का समय था जोर-जोर से हवा चलने लगीं पशु-पक्षियों का शोर सुनकर निखिल की आंख खुल गईं। सारे पक्षी अन्य पशु-पक्षियों को सचेत कर रहे थे कि भयंकर बारिश पड़ने वाली है वे किसी सुरक्षित स्थान पर चले जायें। यह सुनकर निखिल ने अपनी मां को जगा दिया तथा सारी बातें बता दीं। फिर क्या था दोनों जरूरी सामान लेकर अपनी झोंपड़ी से निकलकर पक्के ईंटो से बने एक स्थान पर चले गये। पूरी रात बारिश हुई झोंपड़ी को भी काफी नुकसान हुआ लेकिन निखिल की सतर्कता से वे और अधिक होने वाली हानि से बच गये।
यह बात राजा के गुप्तचरों को पता चल गई तथा उन्होंने राजा को जाकर बता दिया। राजा ने निखिल तथा उसकी मां को महल में बुलवाया। पहले तो वे दोनों घबरा गये लेकिन राजा ने उन्हें कहा कि वे दोनों घबरायें नहीं उन्होंने तो निखिल की पशु-पक्षियों की बोली समझने की विद्या का समाचार मिलने पर बुलाया है। जब निखिल ने उन्हें सारी बातें विस्तार से बताईं तो राजा को बड़ी प्रसन्नता हुई।
राजा ने निखिल तथा उसकी मां को राजमहल में रहने का प्रबन्ध कर दिया। उसके बाद जब भी कोई प्राकृतिक आपदा आती तो निखिल राजा को सूचित कर देता जिससे राज्य के कर्मचारी उस आपदा से निपटने का प्रबन्ध पहले ही कर लेते तथा होने वाली हानि से बच जाते।
निखिल जब युवक बन गया तो राजा ने उसे अपनी सेना में ही सलाहकार के रूप में नियुक्त कर दिया। इस तरह मां तथा निखिल दोनों सुखपूर्वक अपना जीवन व्यतीत करने लगे।
Tooni Machli शिक्षा :- हमें सदैव दूसरों की मदद करनी चाहिये, परोपकार कभी व्यर्थ नहीं जाता।
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