Shri Krishna Ki 16 Kalayen : श्रीकृष्ण की 16 कलायें हिंदी अर्थ सहित | Shri Krishna Ke 108 Naam

Shri Krishna Ki 16 Kalayen : श्रीकृष्ण की 16 कलायें हिंदी अर्थ सहित | Shri Krishna Ke 108 Naam

श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारे।
हे नाथ नारायण वासुदेव॥

नमस्कार दोस्तों ! हमारे ब्लॉग पोस्ट Shri Krishna Ki 16 Kalayen में आपका हार्दिक स्वागत है। दोस्तों,  प्रायः हम भगवान श्रीकृष्ण के सम्बन्ध में यह सुनते हैं कि वे सोलह कलाओं से सम्पन्न हैं। किन्तु क्या आप जानते हैं कि कौन-कौन सी वे कलायें हैं जो कि भगवान श्रीकृष्ण को देवताओं में एक विशिष्ट स्थान प्रदान करती हैं ? यदि नहीं तो आइये, इस लेख में हम जानेंगे उन प्रसिद्ध कलाओं के संबंध में –

Shri Krishna Ki 16 Kalayen : श्रीकृष्ण की 16 कलाओं के नाम

Shri Krishna Ki 16 Kala

कला १श्री संपदा

ऐसा व्यक्ति आत्मिक रूप से धनवान होता है। श्री कला से संपन्न व्यक्ति के पास लक्ष्मी का स्थायी निवास होता है। ऐसे व्यक्ति के पास से कभी कोई खाली हाथ वापस नहीं आता। इस कला से संपन्न व्यक्ति ऐश्वर्य युक्त जीवन बिताने वाला होता है।

कला २ भू संपदा

ऐसा व्यक्ति जिसके भीतर पूरी पृथ्वी पर राज करने की क्षमता हो तथा जो पृथ्वी के एक बड़े भू-भाग का स्वामी हो, उसको भू कला से संपन्न माना जाता है।

कला ३ कीर्ति संपदा

कीर्ति कला से संपन्न व्यक्ति का नाम पूरी दुनिया में आदर तथा सम्मान के साथ लिया जाता है। ऐसे लोगों का जनमानस में विश्वास होता है और वह लोककल्याण के कार्यों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं जिससे सारे संंसार में उनका यश बढ़ता है।

कला ४ वाणी सम्मोहन

कुछ लोगों की वाणी में एक सम्मोहन होता है मानो सामने वाला मंत्र मुग्ध – सा हो जाता है। ऐसे व्यक्ति की वाणी को सुनने मात्र से ही सामने वाले का क्रोध शांत हो जाता है। मन में प्रेम और भक्ति की भावना भर उठती है।

कला ५ लीला

पांचवीं कला का नाम है लीला। इससे संपन्न व्यक्ति के दर्शन मात्र से आनंद मिलता है और वह जीवन को ईश्वर के प्रसाद के रूप में ग्रहण करता है।

कला ६ कांति

जिसके रूप को देखकर मन अपने आप आकर्षित हो जाता हो, जिसके मुखमंडल को बार-बार निहारने का मन करता हो, वह कांति कला से संपन्न होता है।

कला ७ विद्या

सातवीं कला का नाम विद्या है। इससे संपन्न व्यक्ति वेद, वेदांग के साथ ही युद्घ, संगीत कला, राजनीति एवं कूटनीति में भी सिद्घहस्त होते हैं।

कला ८ विमला

जिसके मन में किसी प्रकार का छल-कपट नहीं हो और जो सभी के प्रति समान व्यवहार रखता हो, वह विमला कला से संपन्न माना जाता है।

Shri Krishna Ki 16 Kalayen

Shri Krishna Ki 16 Kala

कला ९ उत्कर्षिणि शक्ति

इस कला से संपन्न व्यक्ति में लोगों को कर्म करने के लिए प्रेरित करने की क्षमता होती है। ऐसे व्यक्ति में इतनी क्षमता होती है कि वह लोगों को किसी विशेष लक्ष्य की प्राप्ति के लिए प्रेरित कर सकता है।

कला १० नीर-क्षीर-विवेक

इससे संपन्न व्यक्ति में विवेकशीलता होती है। ऐसा व्यक्ति अपने विवेक से लोगों का मार्ग प्रशस्त कर सकने में सक्षम होता है।

कला ११ कर्मण्यता

इस कला से संपन्न व्यक्ति में स्वयं कर्म करने की क्षमता तो होती है। वह लोगों को भी कर्म करने की प्रेरणा दे सकता है और उन्हें सफल बना सकता है।

कला १२ योगशक्ति

इस कला से संपन्न व्यक्ति में मन को वश में करने की क्षमता होती है। वह मन और आत्मा का फर्क मिटा योग की उच्च सीमा पा लेता है।

कला १३ विनय

विनयशीलता के गुण को धारण  करने वाले व्यक्ति में नम्रता होती है। ऐसे व्यक्ति को अहंकार छू भी नहीं पाता। वह सारी विद्याओं में पारंगत होते हुए भी गर्वहीन होता है।

कला १४ सत्य-धारणा

इस कला से संपन्न व्यक्ति में कोमल-कठोर सभी तरह के सत्यों को धारण करने की क्षमता होती है। ऐसा व्यक्ति सत्यवादी तो होता ही है साथ ही जनहित और धर्म की रक्षा के लिए वह कटु सत्य बोलने से भी परहेज नहीं करता।

कला १५आधिपत्य

इस कला से संपन्न व्यक्ति में लोगों पर अपना आधिपत्य अर्थात अपना प्रभाव स्थापित करने का गुण होता है। जरूरत पड़ने पर वह लोगों को अपने प्रभाव की अनुभूति कराने में सफल होता है।

कला १६ अनुग्रह क्षमता

इस कला से संपन्न व्यक्ति में किसी का कल्याण करने की प्रवृत्ति होती है। वह प्रत्युपकार की भावना से संचालित होता है। ऐसे व्यक्ति के पास जो भी आता है, वह अपनी क्षमता के अनुसार उसकी सहायता करता है।

हमें भी अपने दैनिक जीवन में भगवान श्री कृष्ण की इन सोलह कलाओं को अपनाना चाहिये जिससे कि हम भी उनकी कृपा के भागी बनें तथा समाज में एक विशिष्ट स्थान को प्राप्त कर ख्याति अर्जित करें।

Shri Krishna Ke 108 Naam: भगवान श्रीकृष्ण के १०८ नाम

Shri Krishna Ki 16 Kalayen

Shri Krishna Ki 16 Kala

 

भौतिक सुखों सौभाग्य, ऐश्वर्य, पराक्र्म, कीर्ति, यश की प्राप्ति के लिए कृष्ण जी के कई नामों का जाप किया जाता है जिनमें से 108 नाम निम्न हैं-

Number

Shri Krishna Ke 108 Naam

1 अचला
2 अच्युत
3 अद्भुतह
4 आदिदेव
5 अदित्या
6 अजन्मा
7 अजया
8 अक्षरा
9 अमृत
10 अनादिह
11 आनंद सागर
12 अनंता
13 अनंतजीत
14 अनया
15 अनिरुद्धा
16 अपराजित
17 अव्युक्ता
18 बाल गोपाल
19 बलि
20 चतुर्भुज
21 दानवेंद्रो
22 दयालु
23 दयानिधि
24 देवाधिदेव
25 देवकीनंदन
26 देवेश
27 धर्माध्यक्ष
28 द्वारकाधीश
29 गोपाल
30 गोपालप्रिया
31 गोविंदा
32 ज्ञानेश्वर
33 हरि
34 हिरण्यगर्भा
35 ऋषिकेश
36 जगद्गुरु
37 जगदीशा
38 जगन्नाथ
39 जनार्धना
40 जयंतह
41 ज्योतिरादित्या
42 कमलनाथ
43 कमलनयन
44 कामसांतक
45 कंजलोचन
46 केशव
47 कृष्ण
48 लक्ष्मीकांत
49 लोकाध्यक्ष
50 मदन
51 माधव
52 मधुसूदन
53 महेन्द्र
  Shri Krishna Ki 16 Kala
54 मनमोहन
55 मनोहर
56 मुरली मनोहर
57 मोहन
58 मुरली
59 मुरलीधर
60 मयूर
61 नंदगोपाल
62 नारायण
63 निरंजन
64 निर्गुण
65 पद्महस्ता
66 पद्मनाभ
67 परब्रह्मन
68 परमात्मा
69 परम पुरूष
70 पार्थसारथी
71 प्रजापति
72 पुण्य
73 पुरुषोत्तम
74 रविलोचन
75 सहस्त्राकाश
76 सहस्त्रजीत
77 सहस्त्रपात
78 साक्षी
79 सनातन
80 सर्वजन
81 सर्वपालक
82 सर्वेश्वर
83 सत्य वचन
84 सत्यन्त
85 शंतह
86 श्रेष्ठ
87 श्रीकांत
88 श्याम
89 श्यामसुंदर
90 सुदर्शन
91 सुमेध
92 सुरेशम
93 स्वर्गपति
94 त्रिविक्रमा
95 उपेन्द्र
96 वैकुंठनाथ
97 वर्धमानह
98 वासुदेव
99 विष्णु
100 विश्वदक्शिनह
  Shri Krishna Ki 16 Kala
101 विश्वकर्मा
102 विश्वमूर्ति
103 विश्वरूपा
104 विश्वात्मा
105 वृषपर्व
106 यदवेंद्रा
107 योगि
108 योगिनाम्पति

* * Shri Krishna Ki 16 Kalayen और Shri Krishna Ke 108 Naam**

॥ इति ॥

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