Shiv Ji Ke 108 Naam : भगवान शिव के 108 नाम
Shiv Ji Ke 108 Naam
नमस्कार दोस्तों, हमारे ब्लॉग में आपका हार्दिक स्वागत है। दोस्तों आज की पोस्ट में हम जानेंगे भगवान शिव के 108 नामों Shiv Ji Ke 108 Naam के बारे में। भगवान शिव के भक्त अपने आराध्य को कई नामों से पुकारते हैं भारत में ही नहीं अपितु विश्व के कई देशों में भगवान शिव के भक्त निवास करते हैं तथा इनकी भक्ति में लीन रहते हैं।
इस पोस्ट में हम आपको बाबा भोलेनाथ के उन 108 नामों के बारे में बतायेंगे जिनके स्मरण मात्र से ही मनुष्य को सभी कष्टों से छुटकारा मिल जाता है। अपनी दैनिक पूजा-पाठ में हमें शिवजी के इन नामों को अवश्य पढ़ना अथवा सुनना चाहिये जिससे हमें अपनी भक्ति का शीघ्र फल प्राप्त हो सके तथा शिवजी की कृपा सदैव हमारे ऊपर बनी रहे।
यदि संभव हो तो प्र्त्येक सोमवार, सावन मास में अथवा शिवरात्रि के दिन इन नामों का स्मरण करने तथा प्रत्येक नाम के साथ एक बेलपत्र चढ़ाने से पूजा का विशेष फल मिलता है ऐसा व्यक्ति शिवजी को विशेष प्रिय होता है तथा उसे धन-धान्य की प्राप्ति होती है साथ ही घर में दरिद्रता का कभी भी वास नहीं होता ऐसा व्यक्ति समाज में मान-प्रतिष्ठा को प्राप्त करता है।
तो आइये, जानें अपने आराध्य के उन नामों के बारे में जिनसे मनुष्य की सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।
Bhagwan Shiv Ke 108 Naam
१. ॐ कैलाशपति नमः।
२. ॐ अंबिकानाथाय नमः।
३. ॐ भूतनाथाय नमः।
४. ॐ नंदीश्वराय नमः।
५. ॐ नंदराजाय नमः।
६. ॐ ज्योर्तिलिंगाय नमः
७. ॐ महाकालेश्वराय नमः।
८. रूद्रनाथाय नमः।
९. ॐ भीमाशंकराय नमः
१०. ॐ नटेश्वराय नमः।
११. ॐ प्रलयंकराय नमः।
१२. ॐ चंद्रमौली नमः
१३. ॐ डमरूधारी नमः।
१४. ॐ चंद्रधारी नमः।
१५. ॐ मल्लिकार्जुने नमः।
१६. ॐ भीमेश्वराय नमः।
१७. ॐ विषधाराये नमः।
१८. ॐ भोलेश्वराय नमः।
१९. ॐ ओंकार स्वामी नमः।
२०. ॐ ओमकारेश्वरे नमः।
२१. ॐ शंकर त्रिशूलधारी नमः।
२२. ॐ विश्वनाथाय नमः।
२३. ॐ अनादिदेवाये नमः।
२४. ॐ उमापति नमः।
२५. ॐ गौरापति नमः।
२६. ॐ गणपिता नमः।
२७. ॐ त्रिपुरान्तकाय नमः।
२८. ॐ जटाधराय नमः
२९. ॐ शम्भवे नमः।
३०. ॐ नीलकंठाय नमः।
३१. ॐ महाकालेश्वराय नमः।
३२. ॐ त्रिपुरारी नमः।
३३. ॐ त्रिलोकीनाथ नमः।
३४. ॐ त्रिनेत्रधारी नमः।
३५. ॐ बर्फानी नमः।
३६. ॐ जगतपिता नमः।
३७. ॐ मृत्युंजय नमः।
३८. ॐ नागधारी नमः।
३९. ॐ रामेश्वराय नमः।
४०. ॐ शशिशेखराय नमः।
४१. ॐ अमरनाथ नमः।
४२. ॐ केदारनाथाय नमः।
४३. ॐ मंगलेश्वराय नमः।
४४. ॐ अर्धनारीश्वराय नमः।
४५. ॐ नागार्जुने नमः।
४६. ॐ कैलाशवासिने नमः।
४७. नीलेश्वर नमः।
४८. ॐ त्रिपुरान्तकाय नमः।
४९. ॐ दीनानाथाय नमः।
५०. ॐ सोमनाथाय नमः।
५१. ॐ जोगीश्वराय नमः।
५२. ॐ भंडारी बाबा नमः।
५३. ॐ बमलहरी नमः।
५४. ॐ गौरीशंकराय नमः।
५५. ॐ शिवाकांत नमः।
५६. ॐ महेश्वराय नमः।
५७. ॐ महेशाय नमः
५८. ॐ सर्वलोकनाथाय नमः।
५९. ॐ आदिनाथाय नमः।
६०. ॐ देवदेवश्वराय नमः।
६१. ॐ प्राणनाथाय नमः।
६२. ॐ शिवम नमः।
६३. ॐ महादानी नमः।
६४. ॐ औघड़दानी नमः।
६५. ॐ संकटदानी नमः।
६६. ॐ वृषभारूढाय नमः।
६७. ॐ रूंडमालाधारी नमः।
६८. ॐ जगपालनकर्ता नमः।
६९. ॐ पशुपतये नमः
७०. ॐ संगमेश्वराय नमः।
७१. ॐ दक्षेश्वराय नमः
७२. ॐ घ्रनेश्वराय नमः।
७३. ॐ मणिमहेशाय नमः।
७४. ॐ अनादि नमः।
७५. ॐ अनीश्वराय नमः।
७६. ॐ आशुतोष महाराज नमः।
७७. ॐ विलवकेश्वराय नमः।
७८. ॐ अचलेश्वराय नमः।
७९. अभयंकराय नमः।
८०. ॐ पातालेश्वराय नमः।
८१. ॐ दूधेश्वराय नमः।
७२. ॐ सर्पधारेश्वराय नमः।
८३. ॐ त्रिलोकीनरेशाय नमः।
८४. ॐ हठयोगी नमः।
८५. ॐ विश्लेश्वराय नमः।
८६. ॐ नागाधिराज नमः।
८७. ॐ सर्वेश्वराय नमः।
८८. ॐ उमाकांत नमः।
८९. ॐ बाबा चंद्रेश्वराय नमः।
९०. ॐ त्रिकालदर्शी नमः।
९१. ॐ विश्वनाथाय नमः।
९२. ॐ महादेवाय नमः।
९३. ॐ गढ़शंकराय नमः।
९४. ॐ मुक्तेश्वराय नमः।
९५. ॐ नटेश्वराय नमः।
९६. ॐ गिरिजापतये नमः।
९७. ॐ भद्रेश्वराय नमः।
९८. ॐ त्रिपुरनाशकाय नमः।
९९. ॐ निर्जेश्वराय नमः।
१००. ॐ किरातेश्वराय नमः।
१०१. ॐ जागेश्वराय नमः।
१०२. ॐ अवधूतपतये नमः।
१०३. ॐ भीलपतये नमः।
१०४. ॐ जितनाथाय नमः।
१०५. ॐ वृषेश्वराय नमः।
१०६. ॐ भूतेश्वराय नमः।
१०७. ॐ बैद्यनाथाय नमः।
१०८. ॐ नागेश्वराय नमः।
शिवजी का एक नाम आशुतोष भी है। आशुतोष अर्थात शीघ्र ही प्रसन्न हो जाने वाले देवता। यही ऐसे देवता हैं जो मात्र एक लोटा जल से ही संतुष्ट हो जाते हैं। शिवजी समस्त चर-अचर जीवों के स्वामी हैं देवता ही नहीं अपितु असुरों के भी यह आराध्य देव हैं। देवताओं से लेकर असुरों तक को बिना किसी भेदभाव के तुरंत प्रसन्न होकर बिना सोचे-समझे वर देने वाले भगवान हैं भोलेनाथ।
यही कारण है कि औघड़दानी कहे जाने वाले भगवान शिव का विश्व में कई स्थानों पर मंदिर तथा इनके भक्त पाये जाते हैं भारत में 12 ज्योर्तिलिंगों पर इनकी पूजा विशेष विधि-विधान के साथ की जाती है सावन में तो इन स्थानों पर विशेष धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन किया जाता है जिसमें भाग लेने के लिए देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी भक्त आते हैं।
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