Rss Song : नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे

Rss Song| नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे|

नमस्कार दोस्तों ! हमारे ब्लॉग पोस्ट Rss Song में आपका हार्दिक अभिनंदन है। दोस्तों, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ यानी आर0एस0एस0 भारत ही नहीं अपितु विश्व का सबसे बड़ा स्वयं सेवक संगठन है जिसने समय-समय पर देश तथा विदेश के लिए महत्वपूर्ण कार्य करने में अपनी भूमिका निभाई है।

आज की पोस्ट में हम आर0एस0एस0 के संस्थापक तथा तथा इसकी प्रार्थना का हिन्दी अर्थ समझेंगे तो आईये, पोस्ट शुरू करते हैं।

Rss Founder : आर0एस0एस0 के संस्थापक

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डा0 केशवराम बलिराम हेडगेवार राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के संस्थापक थे। इनका जन्म 1 अप्रैल, 1889 को  महाराष्ट्र राज्य के नागपुर जिले में हिन्दू वर्ष प्रतिपदा के दिन हुआ था। इनके पिता जी का नाम श्री बलिराम पंत हेडगेवार तथा माता का नाम रेवतीबाई था। 27  सितम्बर, 1925 को इन्होंने नागपुर में संघ की स्थापना की जो कि अब इसका मुख्यालय है।

नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे / Rss Song Namaste Sada Vatsale Matribhume राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) का प्रार्थना गीत है, इस प्रार्थना गीत को 18 मई 1940 के दिन यादव राव जोशी जी के द्वारा नागपुर के संघ शिक्षा वर्ग में गाया गया था। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रार्थना गीत डॉ० के० बी० हेडगेवार और माधव सदाशिव गोलवलकर जी के नेतृत्व में, श्री नरहर नारायण भिड़े जी के द्वारा लिखा गया है।

दोस्तों, भगवा रंग की फहराती हुई ध्वज पताका ही आरएसएस की पहचान है तथा संघ में इसी ध्वज की वंदना की जाती है। देश में अयोजित शाखाओं में संघ का प्रत्येक कार्यकर्ता श्रद्धाभाव से इसी ध्वज के आगे अपना सर झुकाता है तथा देश के प्रति पूर्ण समर्पण तथा देश की अखण्डता को अक्षुण्ण बनाये रखने का संकल्प लेता है।

भगवा ध्वज का संघ में स्थान

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संघ में ध्वज को ही गुरू माना गया है। इसके पीछे भावना यह है कि शिष्य हो अथवा गुरु, समय बीतने पर वह वृद्ध हो जायेंगे तथा एक दिन उनकी पहचान भी नष्ट हो जायेगी किन्तु ध्वज युगों-युगों तक स्थापित रहेगा। इसी कारण संघ में ध्वज को ही गुरू की मान्यता प्रदान की गई है। देश में समय-समय पर आयोजित होने वाले गुरु दक्षिणा कार्यक्रम में इसी ध्वज की आराधना तथा पूजन किया जाता है। 

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गीत : नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे

गायक: श्री अक्षय पांडे

गीतकर : श्री नरहर नारायण भिड़े

 

Prarthana of RSS –नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे हिंदी अर्थ सहित|

 

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नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे,
त्वया हिन्दुभूमे सुखं वर्धितोऽहम्।

महामङ्गले पुण्यभूमे त्वदर्थे,
पतत्वेष कायो नमस्ते नमस्ते॥ १॥

भावार्थ हे वात्सल्यमयी मातृभूमि, तुम्हें सदा प्रणाम ! इस मातृभूमि ने हमें अपने बच्चों की तरह स्नेह और ममता दी है। हे महामंगलमयी पुण्यभूमि ! इस हिन्दू भूमि पर सुखपूर्वक मैं बड़ा हुआ हूँ। यह भूमि महा मंगलमय और पुण्यभूमि है। इस भूमि की रक्षा के लिए मैं यह नश्वर शरीर मातृभूमि को अर्पण करते हुए इस भूमि को बार-बार प्रणाम करता हूँ।

प्रभो शक्तिमन् हिन्दुराष्ट्राङ्गभूता,
इमे सादरं त्वाम नमामो वयम्
त्वदीयाय कार्याय बध्दा कटीयं,
शुभामाशिषम देहि तत्पूर्तये ।

भावार्थहे सर्व शक्तिमान परमेश्वर, इस हिन्दू राष्ट्र के घटक के रूप में मैं तुमको सादर प्रणाम करता हूँ। आपके ही कार्य के लिए हम कटिबद्ध हुये हैं। हमें इस कार्य को पूरा करने के लिये आशीर्वाद दें।

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अजय्यां च विश्वस्य देहीश शक्तिम,
सुशीलं जगद्येन नम्रं भवेत्,
श्रुतं चैव यत्कण्टकाकीर्ण मार्गं,
स्वयं स्वीकृतं नः सुगं कारयेत्॥ २॥

भावार्थहमें ऐसी अजेय शक्ति दीजिये कि सारे विश्व मे हमे कोई न जीत सके और ऐसी नम्रता दें कि पूरा विश्व हमारी विनयशीलता के सामने नतमस्तक हो। यह रास्ता काटों से भरा है, इस कार्य को हमने स्वयं स्वीकार किया है और इसे सुगम कर काँटों रहित करेंगे Rss Song।

समुत्कर्षनिःश्रेयसस्यैकमुग्रं,
परं साधनं नाम वीरव्रतम्
तदन्तः स्फुरत्वक्षया ध्येयनिष्ठा,
हृदन्तः प्रजागर्तु तीव्राऽनिशम्।

भावार्थऐसा उच्च आध्यात्मिक सुख और ऐसी महान  समृद्धि को प्राप्त करने का एकमात्र श्रेष्ट साधन उग्र वीरव्रत की भावना हमारे अन्दर सदैव जलती रहे। तीव्र और अखंड ध्येय निष्ठा की भावना हमारे अंतःकरण में जलती रहे।

विजेत्री च नः संहता कार्यशक्तिर्,
विधायास्य धर्मस्य संरक्षणम्।
परं वैभवं नेतुमेतत् स्वराष्ट्रं,
समर्था भवत्वाशिषा ते भृशम्॥ ३॥

भावार्थआपकी असीम कृपा से हमारी यह विजयशालिनी संघठित कार्यशक्ति हमारे धर्म का सरंक्षण कर इस राष्ट्र को परम वैभव पर ले जाने में समर्थ हो।

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Rss Song in Hindi : हिंदी काव्यानुवाद

 

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हे परम वत्सला मातृभूमि! तुझको प्रणाम शत कोटि बार।

हे महा मंगला पुण्यभूमि ! तुझ पर न्योछावर तन हजार॥

हे हिन्दुभूमि भारत! तूने, सब सुख दे मुझको बड़ा किया;

तेरा ऋण इतना है कि चुका, सकता न जन्म ले एक बार।

हे सर्व शक्तिमय परमेश्वर! हम हिंदुराष्ट्र के सभी घटक,

तुझको सादर श्रद्धा समेत, कर रहे कोटिशः नमस्कार॥

तेरा ही है यह कार्य हम सभी, जिस निमित्त कटिबद्ध हुए;

वह पूर्ण हो सके ऐसा दे, हम सबको शुभ आशीर्वाद।

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॥ भारत माता की जय॥

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