Mahamrityunjaya Mantra : महामृत्युंजय मंत्र (हिंदी अर्थ सहित)

Mahamrityunjaya Mantra : महामृत्युंजय मंत्र (हिंदी अर्थ सहित)|

नमस्कार दोस्तों ! हमारे ब्लॉग पोस्ट Mahamrityunjaya Mantra में आपका हार्दिक स्वागत है। दोस्तों, महामृत्युंजय मंत्र एक ऐसा महामंत्र है जो मृत शरीर में भी प्राण फूंक देने के सामर्थ्य रखता है। दूसरे शब्दों में यदि पूरे विधि-विधान तथा किसी उच्च कोटि के ज्ञानी के सान्निध्य में इस इस महामंत्र का अनुष्ठान किया जाये तो यह यमराज के द्वार से भी किसी प्राणी को वापस ला सकता है।

कैसा भी जटिल-से-जटिल रोग अथवा व्याधि क्यों न हो इसके जाप से रोगी व्यक्ति पूर्ण रूप से स्वस्थ हो जाता है। इस मंत्र के माध्यम से महादेव से प्रार्थना की गई है कि वे मृत्यु के समय होने वाले कष्ट से हमारी रक्षा करें तथा मुक्ति प्रदान करें।
आज हम जानेंगे इस मंत्र का हिंदी सहित अर्थ। तो आईये, पोस्ट आरंभ करते हैं –

Mahamrityunjaya Mantra : महामृत्युंजय मंत्र

Mahamrityunjaya Mantra

महामृत्युंजय मंत्र लिरिक्स

” ऊं त्रयम्बकम् यजामहे सुगन्धिम पुष्टिवर्धनम उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात। “


अर्थ-  ब्रह्मा, विष्णु और महेश के स्वरूप में आप सुगंधि और पुष्टि देने वाले हैं। त्रयंबक परमात्मा आपसे एक प्रार्थना है कि जैसे उर्वारुक फल वृक्ष से अनायास ही अलग हो जाता है ठीक वैसे ही जब यह जीवन छोड़ना पड़े तो बड़े आनंद के साथ छूट जाये तथा हमें मुक्ति प्राप्त करने का दिव्य अधिकार प्रदान करें।

Mahamrityunjay Mantra : किसने की महामृत्युंजय मंत्र की रचना

पौराणिक कथाओं के अनुसार अपने बाल्यकाल से ही शिवजी के परमभक्त महर्षि मार्कण्डेय जी ने इस मंत्र की रचना की थी। एक समय जब यमराज उन्हें लेने आये तो उन्होंन शिवलिंग के समीप बैठकर इस मंत्र का जाप किया जिससे शिवजी अत्यंत प्रसन्न हुये तथा स्वयं आकर उनके प्राणों की रक्षा की। इस प्रकार स्वयं मृत्यु के देवता यमराज को भी बिना प्राण लिये वापस लौटना पड़ा था।
Mahamrityunjaya Mantra

महामृत्युंजय मंत्र (Mahamrityunjay Mantra)

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महामृत्युंजय मंत्र जाप के फायदे: Mahamrityunjaya Beej Mantra Benefits

Mahamrityunjay Mantra

मान्यता अनुसार महामृत्युंजय मंत्र का जाप विशेष परिस्थितियों में करना चाहिए। मनुष्य को अकाल मृत्यु, ग्रहबाधा, धन-हानि, गृह क्लेश, महारोग, ग्रहपीड़ा, सजा का भय, प्रॉपर्टी विवाद, समस्त पापों से मुक्ति आदि जैसी स्थितियों में महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए।

• यह मंत्र सभी मंत्रों में प्रमुख माना जाता है।

इस मंत्र के जाप से चमत्कारिक लाभ देखने को मिलते हैं। सभी समस्याओं से मुक्ति के लिए महामृत्युंजय मंत्र या लघु मृत्युंजय मंत्र का जाप करना होता है जो लाभदायक होता है।

• महामृत्युंजय मंत्र का जप करने से मांगलिक दोष, नाड़ी दोष, कालसर्प दोष, भूत-प्रेत दोष, रोग, दुःस्वप्न, गर्भनाश, संतान बाधा कई दोषों का नाश होता है।

• दीर्घ आयु  की प्राप्ति हेतु नियमित रूप से महामृत्युजंय मंत्र का जप करना चाहिए। इस मंत्र के प्रभाव से मनुष्य की अकाल मृत्यु कभी नहीं होती।

Mahamrityunjay Mantra

• यह मंत्र भगवान शिव को बहुत प्रिय है, इसका का जप करने वाले को लंबी उम्र मिलती है।

• यह मंत्र मनुष्य को न केवल निर्भय बनाता है बल्कि रोगों का भी नाश करता है। भगवान शिव को मृत्यु का देवता भी कहा जाता है। इस मंत्र के जप से रोगों का नाश होता है और मनुष्य निरोगी बनता है।

• जिस व्यक्ति को धन-सम्पत्ति पाने की इच्छा हो, उसे महामृत्युंजय मंत्र का पाठ करना चाहिए। इस मंत्र के पाठ से भगवान शिव सदा प्रसन्न रहते हैं तथा इनकी कृपा से कभी धन-धान्य की कमी नहीं होती है।
Mahamrityunjaya Mantra

Mahamrityunjay Mantra

• इस मंत्र का जप करने से समाज में उच्च स्थान प्राप्त होता है। 

• महामृत्युजंय मंत्र का जप करने से संतानहीन को भगवान शिव की कृपा से उत्तम संतान की प्राप्ति होती है।

 • इसका जाप सदैव रूद्राक्ष की माला से ही किया जाना चाहिए।

• प्रतिदिन कम-से-कम 5 माला का जाप किया जाये तो अति उत्तम है किन्तु यदि किन्हीं कारणों से 5 माला का जाप संभव न हो सके तो एक  माला का जाप भी किया जा सकता है।

Mahamrityunjay Mantra

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