Shiv Sadhna : शिव साधना से  पायें  कष्टों से मुक्ति

Shiv Sadhna : शिव साधना से  पायें  कष्टों से मुक्ति

 

Shiv Sadhna

Brahamchari Avtar

नमस्कार दोस्तों ! हमारे ब्लॉग पोस्ट Shiv Sadhnaमें आपका स्वागत है। दोस्तों, आज के समय की भाग-दौड़ भरी जिन्दगी में प्रत्येक व्यक्ति अपने स्वास्थय की उपेक्षा कर रहा है। अपनी रोजमर्रा की जरूरतें पूरी करने के लिए अक्सर हम अपने स्वास्थ्य का ध्यान नहीं रखते तथा छोटी-मोटी बीमारियों को गंभीरता से नहीं लेते जिससे कि आगे चलकर वह बड़ी तथा गंभीर बीमारियों में बदल जाती हैं।

आज के समय में शायद ही कोई व्यक्ति पूर्ण रूप से स्वस्थ्य हो। हमारे जीवन में कुल तीन तरह के दुःख होते हैं दैहिक, दैविक तथा भौतिक । मनुष्य जीवन इन्हीं दुःखों से होकर गुजरता है।

इस पोस्ट में हम अपको बतायेंगे कि भगवान शिव की साधना करके हम किस तरह अपनी बीमारियों से छुटकारा पा सकते हैं तथा इन उपायों को करने से भगवान शिवजी की अनुकम्पा से हमारे सारे दुःख दूर हो जाते हैं। तो आइये भगवान शंकर का स्मरण करते हुये पोस्ट की शुरूआत करते हैं।

 

Shiv Sadhna : साधारण रोग-मुक्ति के लिये :-

Shiv Sadhna

दूर्वा सत अर्थात देशी घास जो हमारे आस-पास में पार्कों में उगी होती है को ले आयें। 2 लीटर पानी में अच्छे से कम-से-कम 5 मिनट तक धीमी आंच पर उबालें। जब घास अच्छे से उबल जाये तथा उसका रंग पानी में मिल जाये तब ठंडा करके छान कर किसी पात्र में भरकर रख लें।

छने हुये जल को सुबह रोगी का हाथ लगवाकर मन्दिर जाकर शिव पिण्डी पर चढ़ायें तथा इसके पश्चात गंगा जल से पिण्डी को स्नान करायें। धूप-दीप अर्पित करके शिव जी से रोगमुक्ति हेतु प्रार्थना करें। ऐसा लगातार 11 दिन करें शिवजी की कृपा से अवश्य लाभ होगा।

 

Shiv Sadhna : बुखार के लिये :-

 

giloy

वायरल, बुखार आदि से मुक्ति के लिये एक अन्य उपाय है। गिलोय का सत अर्थात गिलोय तरल रूप में लें। आजकल गिलोय का रस बाजार में सरलता से उपलब्ध हो जाता है। तीन ढक्कन अथवा तीन बड़ें चम्मच गिलोय का रस एक-डेढ़ लीटर में मिला लें। सुबह-सुबह रोगी का हाथ लगवाकर उसे शिव पिण्डी पर चढ़ा दें।

जब पिण्डी पर गिलोय का रस अर्पित कर रहे हों तो उस समय महामृत्युंजय मंत्र

ऊं त्रयंबकम यजामहे सुगन्धिम पुष्टिवर्धनम् उर्वारूकमिव बन्धनान् मृर्त्योमुक्षीय मामृतात्।

का सच्चे मन से जाप करें। इस उपाय को 11 दिन तक लगातार करें अवश्य ही लाभ होगा।

 

Shiv Sadhna : कैंसर से निदान के लिये :-

 

Rose Patels Shiv Sadhna

कैंसर से पीड़ितों के लिये गुलाब की पंखुड़ियां पांच अंजुलि ( अंजुलि अर्थात् जिससे हम भगवान को पुष्प आदि अर्पित करते हैं।) के भरकर लें ज्यादा नहीं थोड़ी-थोड़ी ही लें लें । सायंकाल के समय शिव मन्दिर में जाकर एक माला त्रयंबकम मंत्र की करें तथा उसके बाद एक अंजलि भरकर शिवलिंग पर पुष्प अर्पित करें।

फिर एक माला करें तथा फिर पुष्प अर्पित करें। इस तरह कुल 5 माला करनी हैं तथा 5 अंजलि पुष्प शिव पिण्डी पर अर्पित करने हैं यह एक चमत्कारी तथा सिद्ध उपाय है।

Rudraksh

एक कटोरी में जल भर लें उसमें थोड़ा सा गंगा जल मिला लें। रूद्राक्ष की माला लेकर पांच माला महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें । तत्पश्चात उस कटोरी में भर जल को देखते हुये 21 बार इसी मंत्र का जाप करें तथा रोगी को पिला दें ऐसा लगातार 21 दिन तक करें।

वे लोग जो छोटी-छोटी बीमारियों से पीड़ित हैं किन्तु लंबे समय से परेशान हैं। वे भगवान शिव पर एक लोटा जल चढ़ायें तथा एक मंत्र पढ़े। मंत्र इस प्रकार है

दैहिक, दैविक, भौतिक तापा, राम राज नहीं काहुहि व्यापा

उपर्युक्त उपायों से हम अपनी समस्याओं का समाधान कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त जो भी आप मेडीकल ट्रीटमेंट ले रहे हैं उनको भी लेते रहिये। दोस्तों! भक्ति हमारे जीवन में हर्ष, उल्लास तो लाती ही है इसके अतिरिक्त हमें मानसिक शान्ति भी प्रदान करती है।

 

Sawan

 

आपने देखा होगा कि कभी-कभी डॉक्टर भी कहते हैं कि इन्हें दवाओं की नहीं दुआओं की जरूरत है क्योंकि हमारी मेडिकल साइंस भी अध्यात्म को नहीं नकारती ।

कभी-कभी तो यहां तक देखा गया है कि भयंकर से भयंकर रोग जो बड़े-से-बड़े डॉक्टर ठीक नहीं कर पाते वह सच्चे मन से अपने इष्ट की साधना तथा उन पर हमारे दृढ़ विश्वास दोनों मिलकर ठीक कर देते हैं। अतः सच्चे हृदय से स्वयं को भगवान के चरणों में अर्पित करते हुये उपाय करें, संदेह न करें क्योंकि सच्चे मन से की गयी साधना कभी असफल नहीं होती।

कुछ लोगों को भय होता है कि गलत साधना करने से कहीं कुछ अनिष्ट न हो जाये।

हम अपने ईष्ट की आराधना कर रहे हैं और उनसे अपने स्वास्थ्य की बेहतरी की कामना कर रहे हैं हम कोई तांत्रिक प्रयोग तो नहीं कर रहे, बल्कि अपने भोले शंकर की भोली साधना कर रहे हैं, हमें अपने मन में सदैव ही यह भावना रखनी चाहिये कि भोलेनाथ की कृपा से अवश्य ही हमें उनका आशीर्वाद प्राप्त होगा। ध्यान रहे कि भक्ति भाव से होती है भय से नहीं।

 

Sawan

 

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“ऊं नमः शिवाय।”