Baglamukhi Kavach : बगलामुखी कवच
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Baglamukhi Kavach
नमस्कार दोस्तों ! हमारे ब्लॉग पोस्ट baglamukhi kavach में आपका हार्दिक स्वागत है। दोस्तों, शत्रु से रक्षा के लिए कवच धारण किया जाता है। कवच धारण करने से मनुष्य निर्भय हो जाता है तथा दृश्य अथवा अदृश्य शत्रुओं जैसे तंत्र-मंत्र, टोना-टोटका तथा जादू-टोना आदि का प्रभाव नहीं पड़ता।
इस पोस्ट में हम बात करेंगे श्री बगलामुखी कवच की जो केवल कवच ही नही अपितु एक अमोघ कवच है, इस कवच का नियमित पाठ करने से साधक पूर्ण रूप से सुरक्षित रहता है, उस पर किसी भी तरह का कोई तांत्रिक प्रयोग नही हो सकता, यदि हुआ होता है, तो वह धीरे-धीरे समाप्त हो जाता है, पूर्ण लाभ के लिए साधक को “बगलामुखी गुटिका” धारण करके, पीले आसन पर बैठ कर इस कवच का पाठ करना चाहिये।
इस कवच के पाठ से माता शीघ्र प्रसन्न होती हैं तथा अपने भक्त की समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति भी करती हैं। तो आईये, पोस्ट आरंभ करते हैं तथा इस कवच का पाठ करते हैं।
अथ बगलामुखी कवचं प्रारभ्यते
श्रुत्वा च बगला पूजां स्तोत्रं चापि महेश्वर।
इदानीं श्रोतुमिच्छामि कवचं वद मे प्रभो।।
वैरिनाशकरं दिव्यं सर्वाऽशुभविनाशकम्।
शुभदं स्मरणात्पुण्यं त्राहि मां दु:ख-नाशनम्।।
श्री भैरव उवाच
कवच श्रृणु वक्ष्यामि भैरवि । प्राणवल्लभम् । पठित्वा धारयित्वा तु त्रैलोक्ये विजयी भवेत्।।
विनियोग
ॐ अस्य श्री बगलामुखीकवचस्य नारद ऋषि: अनुष्टुप्छन्द: श्रीबगलामुखी देवता। ह्रीं बीजम्। ऐं कीलकम्। पुरुषार्थचतुष्टयसिद्धये जपे विनियोग:।।
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Baglamukhi Kavach : अथ कवचम्
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शिरो मे बागला पातु ह्रदयैकक्षरी परा ।
ॐ ह्रीं ॐ मे ललाटे च बगला वैरिनाशिनी।।
गदाहस्ता सदा पातु मुखं मे मोक्षदायिनी।
वैरि जिह्राधरा पातु कण्ठं मे बगलामुखी।।
उदरं नाभिदेंश च पातु नित्यं परात्परा।
परात्परतरा पातु मम गुह्रं सुरेश्वरी।।
हस्तौ चैव तथा पादौ पार्वती परिपातु मे।
विवादे विषमे घोरे संग्रामे रिपुसंकटे।।
पीताम्बरधरा पातु सर्वांगं शिवंनर्तकी।
श्रीविद्या समयं पातु मातंगी पूरिता शिवा।।
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पातु पुत्रीं सूतञचैव कलत्रं कलिका मम।
पातु नित्यं भ्रातरं मे पितरं शूलिनी सदा।।
रंध्रं हि बगलादेव्या: कवचं सन्मुखोदितम्।
न वै देयममुख्याय सर्वसिद्धि प्रदायकम्।।
पठनाद्धारणादस्य पूजनादवांछितं लभेत्।
इंद कवचमज्ञात्वा यो जपेद् बगलामुखीय।।
पिबन्ति शोणितं तस्य योगिन्य: प्राप्य सादरा: ।
वश्ये चाकर्षणे चैव मारणे मोहने तथा।।
महाभये विपतौ च पठेद्वरा पाठयेतु य:। तस्य सर्वार्थसिद्धि:। स्याद् भक्तियुक्तस्य पार्वति।।
Baglamukhi Kavach Benefits : बगलामुखी कवच धारण करने के लाभ
बगलामुखी कवच धारण करने के बहुत से लाभ हैं जिनमें से कुछ निम्नलिखित हैं—
• बगलामुखी कवच के साथ-साथ यदि बगलामुखी महाविद्या और बगलामुखी यन्त्र फ्रेम की भी पूजा की जाए तो, बगलामुखी कवच का बहुत लाभ मिलता है।
• बगलामुखी चोकी यन्त्र की पूजा करने से मनोवांछित कामना पूर्ण होती है, यह यन्त्र शीघ्र ही फल देने लग जाता है, कुंडली में अशुभ गृह से बचने के लिए बगलामुखी कवच गुटिका धारण करनी चाहिए।
• जीवन में से सभी समस्याओं और बाधाओं को दूर करने के लिए बगलामुखी माला धारण करनी चाहिए।
• व्यापार, करियर, कर्ज और अन्य घटनाओं से बचने के लिए बगलामुखी ब्रेसलेट्स धारण करना चाहिए।
• यदि साधक बगलामुखी साधना करने की इच्छा रखते है, हो तो उन्हें बगलामुखी साधना सिद्धि पुस्तक के अनुसार तथा कुशल गुरु के मार्गदर्शन में मां बगलामुखी की साधना करनी चाहियें।
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